युवराज सिंह ने उठाए कोचिंग स्टाफ पर सवाल
भारत के पूर्व ऑल राउंडर और वर्ल्ड कप विजेता युवराज सिंह ने टीम के बैटिंग कोच को लेकर खरी खोटी सुनाई है। युवराज सिंह ने भारत के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ की टी 20 प्रारूप में खिलाड़ियों का मार्गदर्शन कर पाने की क्षमता पर सवाल उठाया है. विक्रम राठौड़ को पिछले साल संजय बांगड़ की जगह टीम इंडिया का बैटिंग कोच बनाया है।
भारत के 2007 टी 20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम में एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे युवराज सिंह ने अपने इंस्टाग्राम सेशन में कहा है कि विक्रम राठौड़ मेरा दोस्त है पर क्या आपको लगता है कि वह टी 20 खिलाड़ियों की मदद कर सकता है. विक्रम राठौड़ ने उस स्तर पर क्रिकेट खेला ही नहीं है.
विक्रम राठौड़ की बात करें तो विक्रम राठौड़ भारत के लिए छह टेस्ट मैच खेले थे. और विक्रम राठौड़ ने भारत के लिए सात वनडे खेले हुए है. विक्रम राठौड़ ने भारत के लिए 1996 से लेकर 1997 तक खेला है.
युवराज सिंह आगे कहते है कि अलग अलग खिलाड़ियों के साथ अलग अलग तरीके से पेश आना पड़ता है। युवराज सिंह कहते है “अगर में कोच होता तो जसप्रीत बुमराह को रात नौ बजे ही गुडनाइट के देता जबकि हार्दिक पंड्या को रात दस बजे ड्रिंक्स के लिए बाहर ले जाता. इस तरह अलग अलग खिलाड़ियों से अलग अलग तरीके से पेश आना पड़ता है.
युवराज ने कोच रवि शास्त्री को भी आड़े हाथों लिया. युवराज कहते है मौजूदा खिलाड़ियों के पास सलाह देने के लिए कोई नहीं है. जब उनसे पूछा गया कि क्या यह शास्त्री का काम नहीं है, तो उस युवराज सिंह कहते है पता नहीं रवि यह कर रहे है या नहीं, लेकिन शायद उनके पास दूसरे भी काम है.
युवराज ने सीनियर चयन समिति को भी आड़े हाथों लिया. उनका कहना है कि उन्होंने ज्यादा भारत के लिए क्रिकेट नहीं खेली है तो उनकी मानसिक फैसलों को चुनौती देने वाली नहीं होगी.
युवराज सिंह आगे कहते है कि ऐसा दादा मतलब सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में नहीं होता था. 2011 विश्व कप में हमारे पास अच्छी खासी अनुभवी टीम थे. वो कहते है कि मै हमेशा कहता हूं चयनकर्ताओं को फैसलों को चुनौती देने वाला होना चाहिए, लेकिन जब आपके चयनकर्ता ने सिर्फ चार से पांच वनडे मैच खेले हो, तो उनकी मानसिकता उसी तरह की होगी.