जब 65000 दर्शक हुए बेकाबू
आज हम आपको क्रिकेट की दुनिया के ऐसे खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे है जिसके खेलने या न खेलने से मैच के टिकटों के दाम तय होते थे। वो एक शानदार ऑल राउंडर तो थे ही साथ ने गजब के बल्लेबाज और चतुर गेंदबाज के अलावा फील्डर के तौर पर अनमैचेड थे। उनकी लोकप्रियता के कारण उन्हें फादर ऑफ क्रिकेट गया। हां हम डब्ल्युजी ग्रेस की बात कर रहे है। और आधुनिक क्रिकेट भी इन्हीं की देन है।
इसके बात एक ऐसा खिलाड़ी आया जिसने विश्व क्रिकेट पर 24 सालो तक राज किया। अनगिनत रिकॉर्ड बनाए और यहां तक की उसके चाहने वालो उस क्रिकेट का भगवान तक कह डाला। जब वो बैटिंग के लिए उतर थे तो मानो समय रुक सा गया हो और जिनका आउट होना किसी को गवारा है नहीं था। उनके आउट होते ही दर्शक गुस्सा हो जाते थे। और ग्राउंड में हंगामा शुरू कर देते थे।
आप लोगो के लिए ये समझना मुश्किल नहीं है कि हम किसकी बात कर रहे है जी हां हम सचिन रमेश तेंडुलकर की बात कर रहे है। ये बात उन दिनों की है जब फरवरी 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच ईडन गार्डेंस पर टेस्ट मैच हो रहा था। ये टेस्ट एशियन टेस्ट चैंपियनशिप का मुकाबला था। इस मैच सचिन एक विवादास्पद रूप से रन आउट हो गए थे। इसके बात दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों ने हंगामा कर दिया। ऐसा लग रहा था मानो ये 65000 दर्शक किसी भी हद तक जा सकते है। अंत में 65000 दर्शकों को स्टेडियम से निकाल कर है मैच कराना पड़ा था।
कोलकाता में क्रिकेट मैच में दर्शकों का उमड़ना कोई नई बात नहीं है। पर यह भी सही है कि जब दो चिर प्रतिद्वंदी भारत – पाकिस्तान भिड़ रहे हो, तो दर्शकों का उत्साह और जोश चरम पर होना तय यह। ये टेस्ट मैच 16 से 20 फरवरी 1999 में खेला गया था। और इसके पहले चार दिन करीब एक लाख दर्शकों से ईडन खचाखच भरा रहा। जब आखिरी दिन भारत के पास 4 विकेट बचे थे तब उस वक़्त स्टेडियम में 65000 दर्शक मौजूद थे। इस तरह दर्शकों की मौजूदगी ने टेस्ट के 63 साल के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।
मैच के पहले तीन दिन काफी शांति पूर्वक रहे। इन तीन दिनों में कोई घटना नहीं घटी। ऐसा लग रहा था मानो भारत एक यादगार जीत की राह पर है।
आपको बता दें मैच कि पहले ही सुबह पाकिस्तान के 26 रनों पर 6 विकेट आउट हो चुके थे। लेकिन पाकिस्तान के विकेट कीपर और बल्लेबाज मोइन खान ने ढ़हती हुई पारी को संभाला और 70 रन बनाए। दिलचस्प बात ये है कि मोइन का विकेट भी सचिन ने है लिया था। अंत में पाकिस्तान ने अपनी पहली पारी में 185 रन बनाए। इस पारी में भारतीय गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने 5 विकेट लिए थे और वेंकटेश प्रसाद ने 2 विकेट लिए थे।
इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत को बड़ी बढ़त लेने से रोक लिया। भारत ने अपनी पहली पारी में 223 रन बनाए। भारत लगातार विकेट गंवा रहा था। रावलपिंडी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर शोएब अख्तर ने दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ को 24 रनों पर आउट कर दिया। तभी अचानक पूरा स्टेडियम चिलाने लगा। ये इसका प्रमाण था कि सचिन अब क्रीज पर आ गए है। लेकिन शोएब अख्तर ने सचिन को पहली ही गेंद पर क्लीन बोल्ड कर दिया। पूरे स्टेडियम में सन्नाटा छा गया।
अब भारत के पास पहली पारी की 38 रनों की बढ़त थी। पर पाकिस्तान ने अपनी दूसरी पारी में सईद अनवर के 188 रनों की बेशकीमती पारी की बदौलत 316 रन बना दिए। श्रीनाथ ने अकेले इस पारी में 8 विकेट जटके। और पूरे मैच में श्रीनाथ ने 13 विकेट लिए। भारत को जीत के लिए 279 रनों की दरकार थी। और अभी भी दो दिन बचे हुए थे।
चौथे दिन भारत काफी अच्छी स्थिति में था। भारत ने नपी तुली शुरुआत के बात दोपहर तक 143 रन बना लिए थे 2 विकेट खोकर। जैसे वीवीएस लक्ष्मण आउट हुए और सचिन बैटिंग करने के लिए उतरे उस वक़्त दर्शक दीर्घा में बैठे करीब 2 लाख लोगो जोर से चिल्लाने लगे और उन्हें ये उम्मीद थी कि सचिन ना सिर्फ भारत को ये मैच जीता जाएंगे बल्कि पहली पारी का बदला शोएब अख्तर से जरूर लेंगे। लेकिन 43 ओवर में कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। 43 वा ओवर वसीम अकरम डाल रहे थे। सचिन अभी सिर्फ 7 रन पर ही थे। ओवर की तीसरी गेंद को सचिन ने दीप मिड विकेट की ओर खेला और रन लेने के लिए दौड़े। दो रनों के पूरे करने के साथ ही उन्होंने टेस्ट में अपने 5000 रनों आंकड़ा छू लिया। पर सचिन तीसरे रन के लिए भाग चुके थे, पर सब्स्टीट्यूट नदीम खान का बाउंड्री से फेंका हुआ थ्रो सीधे जाके स्टंप लगा। जब सचिन अपना तीसरा रन पूरा कर रहे थे, तब शोएब अख्तर से टकरा गए। पाकिस्तानी कप्तान और विकेट कीपर मोइन खान ने आउट की जोरदार अपील की।
फील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर को इशारा किया। कई विशेषज्ञ का मानना है कि अख्तर स्टंप के पास आकर वहीं कर रहे थे, जो कोई भी विरोधी खिलाड़ी करता, जबकि दूसरी तरफ सचिन रन लेते हुए बॉल की तरफ देख रहे थे। लंबा वक्त लेने के बाद थर्ड अंपायर केटी फ्रांसिस ने सचिन को रन आउट करार दे दिया। भारत को स्कोर उस वक़्त 145 रनों पर 3 विकेट था। सचिन ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और सचिन सीधे चलते बने पर ड्रेसिंग रूम में जाने के बजाए वे सीधे थर्ड अंपायर के रूम में गए जहा उन्होंने रीप्ले देखा और आश्चर्य में अपना सर हिलाया और ड्रेसिंग रूम में चले आए। उस ओवर कि बची हुई तीन गेंदें द्रविड़ ने खेली। ओवर समाप्ति के बाद दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा वे शोएब को चीटर चीटर के नारे लगा रहे थे। फिर दर्शकों द्वारा मैदान पर बोतलों के आलावा कई चीजें फेंकी गई। उस वक़्त में मैदान के स्क्रीन पर बड़े अल्फजो में व अंग्रेज़ी में लिखना पड़ा – कलकत्ता लव्स क्रिकेट। प्लीज मेंटेंन ईडन ट्रेडिशन।
इसके बाद चाय काल ये पहले है चाय काल कि घोषणा करनी पड़ी। पाकिस्तानी प्लेयर्स को ड्रेसिंग रूम में ले जाया गया। पर दर्शकों ने अपना काम जारी रखा। फिर सचिन जब खुद मैदान पर वापस आए और मैदान का चक्कर लगाकर सबसे शांत रहने की अपील की तब जाकर सब शांत हुए और 67 मिनटों के बाद खेल फिर से शुरू हुआ।
पांचवे दिन जब जब भारत के विकेट गिरे तब तब दर्शकों ने बहुत हंगामा किया। पर जब भारत का 9 वा विकेट तब दर्शक ज्यादा आक्रामक हो गए और मैदान में पत्थर फेंकने लगे।
ऐसा लग रहा था कि वो भारतीय टीम को हारता हुए नहीं देख सकते है। फिर पुलिस को बुलाना पड़ा लाठीचार्ज, लात, घूंसे आदि तरीकों से दर्शकों को बाहर खदेड़ा गया। इसके करीब तीन घंटे बाद मैच दोबारा शुरू हुआ। भारत 232 रनों पर सिमट गया और पाकिस्तान ने ये मैच जीत लिया। दर्शकों के इस गुस्सैल प्रदर्शन का कारण सचिन का आउट होना ही था।