कर्नाटक में हालात ऐसे के सैलरी के भी पैसे नहीं
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश की अर्थव्यवस्था हिली हुई है। कई लाख लोग अपनी नौकरी खो चुके है। रोज मजदूरी करने वालो के पास खाने के भी पैसे नहीं है। त्राहि मची हुई है।
इस बीच कर्नाटक के आबकारी मंत्रालय में तो हालात ये हो गए हैं कि सेलरी देने के लिए भी फंड नहीं बचा है।
इस बात राज्य के आबकारी मंत्री एच. नागेश काफी चिंतित है। उनका कहना है कि विभाग के हालात काफी नाजुक है और सैलेरी व दूसरे खर्चों के लिए पैसा तक नहीं बचा है। आपको बता दें, 25 मार्च से देशव्यापी लॉक डाउन के चलते कर्नाटक में भी शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद है। साथ ही साथ सारे पब और सारे बार भी बंद हैं शराब की बिक्री बंद होने के कारण कर्नाटक गवर्नमेंट को हर महीने 1800 करोड़ रुपए का नुक़सान हो रहा है।
एच. नागेश जो की आबकारी मंत्री है उन्होंने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को भी इस संबंध में जानकारी दे दी है। मंत्री ने बताया है कि “मैने मुख्यमंत्री से कहा है कि 3 मई के बाद हमें थोड़ी छूट देनी चाहिए। सीएम ने मुझसे कहा है कि हालात देखेंगे और फिर ही कोई फैसला करेंगे। सीएम बीएस येदियुरप्पा ने भी दुकानें खोलने ने रुचि दिखाई है। क्योंकि हमको सैलरी देने और दूसरे खर्चों के लिए पैसे की जरूरत है। हमारा खजाना खाली हो गया है और मुझे यकीन है कि हमें राहत दी जाएगी।
सोमवार को पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में यथास्थिति को जारी रखने का फैसला किया है इसका मतलब शराब की दुकानें अभी भी नहीं खोले जाएंगी। लेकिन 3 मई को लॉक डाउन केंद्र फेज पूरा होने पर केंद्र सरकार की तरफ से क्या नई गाइडलाइंस आती है इसका अभी सबको इंतजार है।