MW वेक्सीन का ट्रायल होगा कोरोनावायरस पर।
दुनिया भर के डॉक्टर्स, वैज्ञानिक, एवं रीसर्च इंस्टीट्यूट कोरोना वायरस के वेक्सीन को इजाद करने में लगे है। भारत में भी कुछ यही हाल है भारत के भी रीसर्च संस्थान इसी कोशिश में लगे हुए है। भारत की CSIR मतलब सांइटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रीसर्च, कोरोना वायरस के खिलाफ कुष्ठ रोग के इलाज में कारगर MW वेक्सीन का ट्रायल शुरू कर रहा है। इस ट्रायल के अप्रूवल के लिए CSIR ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से अप्रूवल ले लिया है, जल्द ही इसकी टेस्टिंग शुरू की जाएगी।
भारत में मौजूद कोरोना वायरस की प्रजाति को लेकर CSIR ने बताया है कि हमारे यहां कई प्रजाति मौजूद है।
हमारे देश में अलग अलग तरह के वायरस है क्योंकि हमारे यहां अलग अलग देशों से लोग आए है। हमारे यहां वुहान वाला भी वायरस भी आया है, ईरान से भी वायरस आया है जो वुहान जैसा ही है। साथ ही साथ इटली वालो ने यूरोप और अमेरिका वाला वायरस मिला है।
कोविड-19 पर अपडेट – 18/04/2020
इससे ये पता लगता है कि हमारे यही भांति भांति के वायरस है और इन वायरस पर कौनसी वैक्सीन असर कर रही है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए वेक्सीन बनाना शुरू कर दिया है।
इसके रिजल्ट कुछ हफ्तों में मिलने की उम्मीद है।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ये दावा किया था कि बीसीजी का टीका कोरोनावायरस के खिलाफ परिवर्तनकारी साबित हो सकता है।
NYET (न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने एक अध्ययन में ये पाया है कि इटली और अमेरिका का उदहारण देते हुए राष्ट्रीय नीतियों के तहत कई देशों में लगाए जाने वाले बीसीजी के टीके और कोविड-19 के प्रभाव की बात कही गई है.
एक अनुसंधानकर्ता ने बताया है कि हमने पाया है जिन देशों में बीसीजी टीकाकरण की नीतियां नहीं है वह कोरोनावायरस से लोग बुरी तरह प्रभावित है जैसे इटली, अमेरिका, हॉलैंड। इसके विपरित कहा बीसीजी टीकाकरण की नीतियां मौजूद है वह कोरोना वायरस का ज्यादा असर नहीं पड़ा है।
इस शोध से पता चला है कि कॉविड 19 के खिलाफ बीसीजी टीकाकरण एक गेम चेंजर हो सकती है।