अप्रशिक्षित शिक्षको को प्रशिक्षणचर्या पूरा करने के लिए शिक्षकों ने लिखा प्रधानमंत्री को पत्र
दरभंगा. बिहार सरकार के द्वारा अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा बर्खास्तगी से सम्बंधित आदेश के आलोक में जिला के सैकड़ो शिक्षकों ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें प्रशिक्षण प्राप्त करने का एक और अवसर देने का गुहार लागये है। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के आह्वान पर संघ के जिला प्रवक्ता धनन्जय झा के नेतृत्व में दर्जनों शिक्षकों ने एकसाथ लहेरियासराय मुख्य डाकघर से पत्र को प्रेषित किया है। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के आलोक में सभी कोटि के शिक्षकों को प्रशिक्षित होने के लिए 31 मार्च 2019 की तिथि निर्धारित की गई तथा व्यापक पैमाने पर प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय सन्स्थान से माध्यम से प्रशिक्षण की व्यवस्था भी करवाई गई लेकिन जो शिक्षक कही अन्यत्र नामंकित थे उन्हें नामांकन से छूट दिया गया।
पूछने पर यह ज्ञात हुआ कि इनमें से कई शिक्षक ऐसे है जो एक या दो विषय मे अनुत्तीर्ण है एवं इनका पूरक परीक्षा अबतक आयोजित नही हुआ तो कई शिक्षक इसलिए अप्रशिक्षित है क्योंकि उनके इंटर में 50 प्रतिशत अंक नही है तो कई शिक्षक बिहार विश्वविद्यालय में नामांकन तो लिए हुए लेकिन मान्यता सम्बन्धी पचड़े के कारण अभीतक प्रशिक्षण पूरा नही कर पाए। दूसरी ओर अधिकांश शिक्षक ऐसे है जिनका मामला अपीलीय प्राधिकार एवं उच्च न्यायालय में लंबित रहने के कारण उनका नियोजन ही विलम्ब से हुआ और तबतक प्रशिक्षण सत्रों में नामांकन तिथि बीत चुकी थी। हालांकि इन शिक्षकों के द्वारा उच्च न्यायालय पटना के दरबाजा भी खटखटाया गया है और इन्हें वहां से न्याय की पूरी उम्मीद है।
मौके पर उपस्थित बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सह जिलाध्यक्ष शम्भू यादव ने कहा कि अप्रशिक्षित शिक्षकों को सीधे बर्खास्त कर देने से सरकार उनके साथ नाइंसाफी कर रही है उन्हें भी समानता के अधिकार के तहत एक और अवसर प्रदान किया जाना चाहिए जिससे वे प्रशिक्षित हो सके। सरकार के इस निर्णय से आज बिहार के हजारों शिक्षक और उनके परिजन के समक्ष भुखमरी की स्तिथि उत्पन्न हो चुकी है और वे मानसिक तथा सामाजिक तनाव में चले गए है।
संघ के प्रवक्ता धनन्जय झा ने बताया कि एकओर तो राज्य सरकार शिक्षा के अधिकार अधिनियम का बहाना बनाकर इन शिक्षकों को निकालने की बात कर रही है जबकि दूसरी ओर शिक्षकों को प्रशिक्षित करवाने की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार से थी जिससे वह मुकर रही है अगर आरटीई इतना ही बाध्यकारी है तो बिहार में ढाई लाख से अधिक पड़े रिक्त पदों पर बहाली नही होने के लिए जिम्मेवार पदाधिकारियो पर भी कार्रवाई करे। मौके पर प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट सचिव नंदन सिंह, महेश यादव, शहनवाज आलम, शिक्षक नेता उपदेश कुमार, सुरेंद्र ठाकुर , पंकज कुमार, दुर्गा देवी, फकीरा पासवान शिबली अंसारी आदि शिक्षक उपस्थित रहे।