सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई को भेजा नोटिस, बैंकों द्वारा लॉकडाउन में वसूले जा रहे ब्याज के खिलाफ अपील.
इस कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश में लॉकडाउन की स्थिति में है. दो महीने से ज्यादा से देश में लॉकडाउन के कारण आरबीआई ने ग्राहकों के लिए मोरेटोरियाम की सुविधा दी थी. इस लॉकडाउन के दौरान बैंकों की ओर से कर्ज पर वसूले जा रहे ब्याज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस याचिका को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार कर लिया है और केंद्र, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में दावा किया गया कि जब लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की कमाई नहीं हो रही है, तो फिर लोग कैसे बैंकों ब्याज देंगें.
पहले ब्याज वसूलने से बैंकों ने ग्राहकों कुछ वक़्त के लिए छूट दी थी. पहले ये 31 मई तक दी गई थी जिसे अब बढ़कर 31 अगस्त तक बढ़ा दिया है. लेकिन जब ये खत्म होगा तो बैंको की ओर से बकाया ब्याज वसूला जाएगा, जो की गलत है.
वकील राजीव दत्ता की ओर से कोर्ट में कहा गया है कि हालांकि बैंकों ने इसे 3 महीनों से बढ़ाकर 6 महीने कर दिया है लेकिन अदालत इसपर कुछ फैसला करता है, तो राहत कि ओर ये कदम होगा. बैंकों के तरफ से अभी तो राहत है लेकिन आने वाले समय में सजा देंने की बात भी कह रहा है.
इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार और आरबीआई को नोटिस भेजा गया है, साथ ही एक हफ़्ते में जवाब मांगा गया है. इस मामले की सुनवाई भी अब अगले हफ्ते ही होगी.