राहुल गांधी का सुझाव: डीए पर केंची चलना अमानवीय कदम
कोरोना वायरस ने सबको हिला रखा है। चाहे वो आम आदमी हो या कोई खास। देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही बुरी हालात में थी। इस महामारी के चलते देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ा असर पड़ रहा है। इसी के कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार सरकार को घेरते रहे है।
शुक्रवार को राहुल गांधी ने केंद्रीय कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते की बढ़ोतरी पर लगाई रोक का मसला उठाते हुए केंद्र सरकार को घेरने का कार्य किया है। इस लिए गए फैसले को कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष ने अमानवीय और असंवेदनशील बताया है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर बताया है कि “लाखों करोड़ की बुलेट ट्रेन परियोजना और केंद्रीय विस्टा सौंदर्यकरण परियोजना को रोकने के बजाय कोरोना से प्रभावित आम लोगो की सेवा कर रहे केंद्रीय कर्मचारियों के पेंशन और देश के जवानों का महंगाई भत्ता काटना सरकार द्वारा लिया गया फैसला असंवेदनशील और अमानवीय है”।
एक न्यूज चैनल की खबर को ट्वीट करके सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया। राहुल गांधी के इस ट्वीट को प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रीट्वीट किया।
केंद्र सरकार ने हो ऐलान किया है उससे तकरीबन सरकारी खजाने में इजाफा होगा सरकार द्वारा ये तर्क दिया जा रहा है। पिछले महीने ही पीएम मोदी ने केंद्रीय कर्मचारियों को और पेंशनभोगी के लिए महंगाई भत्ते में चार फीसदी का इजाफा आकर दिया था। पर अब इस इजाफे को रोकने का फैसला किया है।
राहुल गांधी के ट्वीट के पहले कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कुछ डाटा देश के सामने रखा था और ये बताया कि सरकार द्वारा कर्मचारियों के जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा पहले कई बार सरकार को फिजूल खर्ची को रोकने का सुझाव दे चुके है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, और सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खत लिख कर ये सुझाव दिया था साथ ही मंत्रियों की विदेश यात्रा रोकने को कहा था।