राहुल गांधी का सरकार पर हमला, पैकेज के सहारे साहूकार ना बने
कोरोना वायरस के कारण सरकार ने लॉकडाउन लगाया था. इससे देश की आर्थिक स्थिति बेहद ही नाजुक बनी हुई है. देश के सामने बहुत बड़ी आर्थिक समस्याएं खड़ी हुई है. देश के सामने दो चुनौतियां है एक तो कोरोना को रोकना दूसरा आर्थिक नुक़सान से उबारना. कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के विशेष आर्थिक पैकेज का ऐलान क्या था. इस आर्थिक पैकेज को लेकर राहुल गांधी ने सरकार जमकर हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा है ये सब किसानों, व्यापारियों और प्रवासी मजदूरों के लिए नाकाफी है. राहुल गांधी कहते है सरकार को मदद करनी चाहिए कर्ज का पैकेट नहीं देना चाहिए. ये पैसा किसानों, और प्रवासी मजदूरों के जेब में सीधा पहुंचना चाहिए.
राहुल गांधी ने आगे कहा जब सड़क पर चलने वाले प्रवासी मजदूरों को कर्ज नहीं पैसों की जरुरत है. बच्चा जब रोता है तो मां उस लोन नहीं देती है, उस चुप करने का उपाय निकलती है, उसी ट्रीट देती है. सरकार कोई साहूकार नहीं है, सरकार को मां की तरह व्यवहार करना होगा.
राहुल गांधी आगे कहते है कि मेरी सरकार से मांग है कि एक बार फिर इस पैकेज की समीक्षा की जाए. राहुल गांधी ने कहा एक जबरदस्त तूफान आने वाला है, देश को जबरदस्त आर्थिक नुक़सान होने वाला है. इससे सबको परेशानी होगी. सरकार को चाहिए कि वो लोगो के जेब में पैसा दाले अगर मांग तेज नहीं हुई तो आगे जाकर बड़ा आर्थिक नुक़सान हो सकता है. कर्ज देने से मांग नहीं बढ़ेगी. प्राथमिकता ये होनी चाहिए कि ये पैसा जनता की जेब तक जाए.
राहुल गांधी ने कहा हम सबको मिलकर काम करने की जरूरत है. किसानों, प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार, विपक्ष, और मीडिया सभी को मिलकर काम करना चाहिए. जो लोग भी प्रभावित है सरकार को उनके अकाउंट में सीधा पैसा भेजना चाहिए.