प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज: अब तक की प्रगति
समाज के कमजोर वर्गों को बुनियादी सुविधाएं निरंतर मिलती रहें और कोविड-19 के कारण किए गए लॉकडाउन की पूरी अवधि के दौरान वे प्रभावित न हों, यह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च 2020 को 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा की, ताकि इस तरह के लोगों को लॉकडाउन के प्रतिकूल प्रभावों से बचाया जा सके।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के एक हिस्से के रूप में सरकार ने महिलाओं और गरीब वरिष्ठ नागरिकों एवं किसानों को मुफ्त में अनाज देने और नकद भुगतान करने की घोषणा की। इस पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार पैनी नजर रखी जा रही है। वित्त मंत्रालय, संबंधित मंत्रालय, मंत्रिमंडलीय सचिवालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) यह सुनिश्चित करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं कि राहत के उपाय तेजी से और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर जरूरतमंदों तक अवश्य ही पहुंच जाएं।
फिनटेक और डिजिटल तकनीक का उपयोग लाभार्थियों को त्वरित और सही ढंग से हस्तांतरण करने के लिए किया जा रहा है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, अर्थात हस्तांतरण का उपयोग किया जा रहा है जो यह सुनिश्चित करता है कि राशि सीधे लाभार्थी के खाते में जमा हो जाए, धनराशि के कहीं और न जाने की गुंजाइश ही न रहे तथा इसकी प्रभावकारिता बेहतर हो जाए। इससे लाभार्थी के खाते में धनराशि को सीधे डालना भी सुनिश्चित हो गया है और इसके लिए लाभार्थी को बैंक शाखा जाने की आवश्यकता नहीं रहती है।
पैकेज के तहत 13 अप्रैल, 2020 तक 32.32 करोड़ लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे तौर पर 29,352 करोड़ रुपये की नकद सहायता दी गई है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना:
अप्रैल के लिए निर्धारित 40 लाख मीट्रिक टन में से अब तक 20.11 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठाव 31 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया जा चुका है। अप्रैल 2020 की पात्रता के रूप में 1.19 करोड़ राशन कार्डों द्वारा कवर किए गए 5.29 करोड़ लाभार्थियों को 2.65 लाख मीट्रिक टन अनाज 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वितरित किए गए हैं। 3985 मीट्रिक टन दलहन भी विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी गई है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त में गैस सिलेंडर:-
इस पीएमयूवाई योजना के तहत अब तक कुल 1.39 करोड़ सिलेंडर बुक किए जा चुके हैं और 97.8 लाख पीएमयूवाई मुफ्त सिलेंडर पहले ही लाभार्थियों को वितरित किए जा चुके हैं।
बकाया राशि का 75% गैर-वापसी योग्य अग्रिम या 3 माह का वेतन, इनमें से जो भी कम हो, लेने की अनुमति ईपीएफओ के सदस्यों को है:
ईपीएफओ के 2.1 लाख सदस्यों ने अब तक 510 करोड़ रुपये की ऑनलाइन निकासी की है। .
3 माह के लिए ईपीएफ अंशदान – 100 कामगारों तक के प्रतिष्ठानों में प्रति माह 15000 रुपये से कम वेतन प्राप्त करने वाले ईपीएफओ सदस्यों के योगदान के रूप में वेतन के 24% का भुगतान।
अप्रैल, 2020 हेतु इस योजना के लिए ईपीएफओ को 1000 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है। 78.74 लाख लाभार्थियों और संबंधित प्रतिष्ठानों को सूचित कर दिया गया है। घोषणा को लागू करने के लिए एक योजना को अंतिम रूप दे दिया गया। प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
मनरेगा:-
बढ़ी हुई मजदूरी दर को अधिसूचित कर दिया गया है जो 01 अप्रैल 2020 से प्रभावी है। चालू वित्त वर्ष में 19.56 लाख कार्य-दिवस सृजित हुए। इसके अलावा, मजदूरी और सामग्री दोनों के लंबित बकाये को समाप्त करने के लिए राज्यों को 7100 करोड़ रुपये जारी किए गए।
सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए बीमा योजना:
योजना का संचालन न्यू इंडिया एश्योरेंस द्वारा किया गया है जिसमें 22.12 लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को कवर किया गया है।
प्रधानमंत्रीगरीबकल्याणपैकेज
13/04/2020 तक कुल प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण
योजना | लाभार्थियोंकी संख्या | अनुमानित धनराशि | |
पीएमजेडीवाई महिला खाताधारकों को सहायता | 19.86 करोड़ (97%) | 9930 करोड़ रुपये | |
एनएसएपी लाभार्थियों (वृद्ध विधवा, दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिक) को सहायता | 2.82 करोड़ (100%) | 1405 करोड़ रुपये | |
‘पीएम-किसान’ के तहत किसानों के खातों में डाली गई धनराशि | 7.47 करोड़ ( 8 करोड़ में से) | 14,946 करोड़ रुपये | |
भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों को सहायता | 2.17 करोड़ | 3071 करोड़ रुपये | |
कुल | 32.32 करोड़ | 29,352 करोड़ रुपये | |