सुशांत की मौत पर कहा- लड़ाई नहीं लड़ते तो मामला खत्म था, योगासन से दिन शुरू कर रात तक लोगों से मिलते रहे पूर्व डीजीपी
मंगलवार तक बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पाण्डेय के लिए बुधवार का दिन बिल्कुल अगल सा था। नौकरी छोड़ने के अगले दिन वह अलग ही अंदाज में दिखे। पहले ही अपनी बातों को बेबाकी से रखनेवाले गुप्तेश्वर पाण्डेय के दिन की शुरूआत काले रंग के ट्रैक शूट और गमछा लेकर योगसान से हुई। जबतक यह खत्म होता मीडिया और परिचितों से वह घिर चुके थे।
सुशांत पर बेबाकी से रखी अपनी बात
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार पुलिस की कार्रवाई पर उन्होंने फिर अपना पक्ष रखा। उनके नौकरी छोड़ने को लेकर राजनीतिक बयानबाजी करनेवालों को भी उन्होंने आड़े हाथों लिया। कहा कि हमलोगों ने लड़ाई नहीं लड़ी होती तो सुशांत की मौत का मामला खत्म हो चुका था। बिहार पुलिस एफआईआर नहीं करती और जांच आगे नहीं बढ़ता तो कुछ नहीं होता। आज इस मामले में जो कुछ भी हुआ है, उसका श्रेय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाता है। उन्हीं की वजह से आज मामला यहां तक पहुंचा।
चुनाव लड़ने पर नहीं खोले पत्ते
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने राजनीति में आने और चुनाव लड़ने पर अपने पत्ते नहीं खोले। यह पूछे जाने पर कि क्या आप चुनाव लड़ रहे हैं तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा, क्यों हमारे जैसे लोग राजनीति में नहीं आ सकते क्या? हालांकि बार-बार पूछने के बाद भी उन्होंने यह नहीं बताया कि किस पार्टी से और कहां से चुनाव लड़ेंगे। उनके वीआरएस लेने के पहले से ही इस बात की चर्चा जोरों पर है कि वह चुनावी मैदान में उतरनेवाले हैं, पर उन्होंने पत्ते नहीं खोले।
कोई उंगली न उठाए इसलिए वीआरएस लिया
वीआरएस लेने के सवाल पर कहा राजनीति में जाने को लेकर काफी दिनों से तरह-तरह की चर्चा हो रही है। चुनाव के दौरान कहीं कोई यह आरोप न लगा दे कि मैं फंला को मदद कर रहा हूं, इसलिए पहले ही नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया।