अशोक को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर साधा समीकरण, नीतीश ने चला बड़ा दांव
अनुसूचित जाति को साधने के लिए नीतीश कुमार ने बड़ा दांव चला है। मुख्यमंत्री ने भवन मंत्री अशोक चौधरी को जदयू का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। वशिष्ठ नारायण सिंह अभी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। दरअसल लोजपा से दूरी बढ़ने और श्याम रजक के पार्टी छोड़ने के बाद नीतीश कुमार को अनुसूचित जाति के मतदाताओं से दूरी का अंदेशा सताने लगा है।
भले ही जीतनराम मांझी अभी नीतीश कुमार के पाले में हैं, लेकिन यह भी सच है कि मांझी अपनी जाति का वोट ट्रांसफर नहीं करवा पाते हैं। ऐसे में अशोक चौधरी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर नीतीश ने अनुसूचित जाति के वोटबैंक पर डोरे डाल दिए हैं। अशोक चौधरी बिहार में अनुसूचित जाति का बड़ा चेहरा हैं।
हाल के दिनों में नीतीश ने उन्हें अनुसूचित जाति के नेता के तौर पर जमकर प्रचारित किया। अशोक कांग्रेस का भी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं और उस वक्त वह दलित मतदाताओं को जोड़ने में नाकाम रहे थे। कांग्रेस छोड़ कर जदयू में शामिल होने पर उन्हें मंत्री बनाया गया।
अर्धसैनिक बलों की 300 कंपनियां बिहार भेजेगा केंद्र
बिहार में तीन चरणों में होने वाले चुनाव को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की 300 कंपनियां भेजने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल में शामिल सीआरपीएफ की 80, बीएसएफ की 55, एसएसबी की 70, सीआईएसएफ की 50, आईटीबीपी की 30 और आरपीएफ की 15 कंपनियां जल्द ही बिहार में तैनात होंगी।
गौरतलब है कि एक कंपनी में 100 जवान होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सीएपीएफ और आरपीएफ को विभिन्न यूनिटों और सीमा से जवानों को हटाकर बिहार चुनाव के लिए तैनात करने का आदेश दे दिया है।