बहुत से एक्सपर्ट्स ने लिखी पीएम को चिट्ठी, कहा सरकार के तौर तरीके कोरोना वायरस पर सही नहीं.
पूरे देश में आज से लॉकडाउन 5.0 शुरू हो गया है. देश की स्थिति को लेकर अब विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा भी जाहिर किया है. प्रधानमंत्री को कोरोना वायरस के संक्रमण रोकने के लिए बने टास्क फोर्स के विशेषज्ञों ने पत्र लिखा है.
विशेषज्ञों ने कहा है कि भारत के कई ज़ोन में अब कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण हो रहा है, इसलिए ये मानना गलत होगा कि मौजूद हाल में कोरोना पर काबू कर पाना संभव होगा. कॉविड़ 19 पर गठित नेशनल टास्क फोर्स के सदस्यों ने कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार के रवैये की आलोचना की भी है.
पहले भी इस बात के संभावित सबूत मिले थे कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो सकता है. आईसीएमआर जो कि मेडिकल रिसर्च संस्था है उन्होंने अप्रैल महीने में ही इस ओर इशारा किया था. पर उस वक़्त स्वास्थ मंत्रालय ने तब इस बात को नजरअंदाज कर दिया था. अप्रैल महीने में कोरोना महामारी पर निगरानी के लिए नेशनल टास्क फोर्स ने एक कमेटी गठित की थी.
पिछले महीने की 25 मई को मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी तीन नामी संस्थाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए अपनाए गए केंद्र के तौर तरीको की आलोचना की है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखने वालो में स्वास्थ मंत्रालय के पूर्व सलाहकार, एम्स, बीएचयू, जेएनयू के पूर्व और मौजूदा प्रोफेसर शामिल है. इस खत पर हस्ताक्षर करने वालो में डॉ डीसीएस रेड्डी भी शामिल है. डॉ रेड्डी कोरोना पर अध्ययन के लिए गठित कमेटी के प्रमुख है.