कोरोना वायरस की वजह से टेक्नोलॉजी का बढ़ता उपयोग
कोरोना वायरस का असर बढ़ता जा रहा है 3 मई तक लॉकडाउन कि अवधि भी बढ़ा दी गई है इसी दौरान टेक्नोलॉजी का उपयोग भी अत्यधिक किया जाने लगा है ।
हमेशा से सभी लोग यही कहते आए हैं कि टेक्नॉलजी एक वरदान भी है और एक अभिशाप भी ।बच्चों के जानलेवा गेम ,साइबर क्राइम ,फर्जी खबरें , पॉर्न बाजार यहां सब टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का ही हिस्सा है ।
एक समय था जब मा बाप बच्चो को सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम से दूर रखते थे वहीं आज ऐसा समय आ गया है जब सभी मां-बाप अपने बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन करवा रहे हैं सभी ऑफिस बंद है इसलिए अपने घरों से कार्य कर रहे लोग भी ऑनलाइन ही सहारा ले रहे हैं और अपने सभी ऑफिस के काम ऑनलाइन भी निपटा रहे हैं
इसके अलावा डॉ ऑनलाइन चेकअप कर रहे हैं और लोगों के काउंसलिंग भी ऑनलाइन ही की जा रही है साथ ही साथ कुछ खरीदना हो तो वह भी ऑनलाइन ही हो रहा है इस बारे में एक डाक्टर ने कहा ,”पहले काउंसिलिंग के लिए पेशेंट को बुलाया जाता था लेकिन इन दिनों हम फोन पर ही काउंसिलिंग कर रहे हैं.
भारत में फोन पर काउंसलिंग का चलन पहले भी था. लेकिन बहुत ज्यादा सीमित. पर सोशल डिस्टेंसिंग के नार्म को पूरा करने के लिए अब ज्यादातर मनोवैज्ञानिक फोन पर काउंसलिंग या चैट पर परामर्श दे रहे हैं। यह त्रासदी एक बड़ा सोशल चेंज लेकर आएगी. लोग सोशल डिस्टेंसिंग को हमेशा के लिए व्यवहार में शामिल करेंगे. इसके लिए उन्हें टेक्नोलॉजी एक सरल और बेहतर विकल्प आगे भी सुझाएगी.”
सारांश ये है कि सभी अब ऑनलाइन ही आपने कार्य निपटा रहे ही ये बदलाव स्थाई है या आस्थाई ये तो समय ही बताएगा ।
ये सब बदलाव कोरोना की वजह से ही हो रहे ही अब माता पिता के सामने ही बच्चे टेक्नोलॉजी का यूज कर रहे है अब ये हमारी आदत बनेगा या फिर कुछ और बदलाव लाएगा ये तो हालात सामान्य होगे तब ही पता चलेगा।