मधुबनी मे प्रवासीयो को बसो मे ठूसकर भेजा जा रहा घर ड्राइवर ने खोली ब्यवस्था की पोल।
रिपोर्टर- नवीन नायक।मधुबनी। देश मे फैले कोरोना महामारी के समय इसको रोक लगाने के लिए सरकार ने लाॅकडाउन जारी किया। फिर केन्द्र सरकार ने अपने राज्य से बाहर फंसे छात्र मजदूर को वापस जाने की अनुमति दी। जहाँ सभी को सलामत घर पहुँचने के लिए इंतजाम भी किया। लेकिन स्थानीय प्रशासन इस पर कोई खास पहल करते नहीं देखा गया।
मधुबनी जिले मे दूसरे प्रदेशों से छात्रों एवं मजदूरों का केन्द्र सरकार से सहयोग से घर पहुंचाने का कावायद शुरू कर दी गई है।जिसके लिए मधुबनी शहर के वाटसन उच्च विधालय से बसें के द्वारा घर तक छोड़ने का काम सरकार के मुलाजिम प्रशासम की लापरवाही से बसों में ठूस ठूस कर कर लोगों को बैठाकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए भेजने का काम किया जा रहा है।संक्रमण फैलाने वाली इस व्यवस्था पर एक परिजन ने सरकार व जिला प्रशासन की जमकर आलोचना किया।
जिले से प्रवासी छात्र मजदूर को उनके गृह प्रखंड तक पहुँचाने का काम कर रही बस ड्राइवरो ने सरकार की ब्यबस्थाओं का पोल खोल के रख दिया है।अपने समस्याओ को मिडिया मे बया किया।जब से प्रवाशियों को पहुचाने का काम सुरु किया है तब से सरकार व प्रशासन के द्वारा रहने खाने व सोने और सुरक्षा का कोई ख्याल नही रखा गया।
ना तो मास्क और नाही सेनिटाइजर का इंतजाम कीया गया।तब बसों में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल धज्जियाँ उड़ाते हुए भेड़ बकरियों की तरह यात्रियो को ठुसे जाने की बात बता रहे हैं। अब आक्रोशित बस ड्राइवरों का बस नही चलाने की बात को लेकर मधुबनी वाटसन उच्च विद्यालय मे घंटो हंगामा जारी रहा। इस हंगामे को लेकर कोई भी जिम्मेबार अधिकारी मीडिया के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नही हुआ।
सरकार के द्वारा राज्य से बाहर फंसे छात्र एवं प्रवसीयो मजदूरो को वापस घर भेजने क्वायद पूरी सूरक्षात्मक व्यवस्था कर ही शुरू की गई। और उन्हें सरकार के स्थानीय मुलाजिम को सुरक्षित गृह प्रखंड मे बने क्वारेटाइन मे पहुँचाने की जिम्मेदारी दी गई है जिन्हें बखूबी से निभा रहे हैं। बस ड्राइवरो के उपर ड्राइवरो को बिना किसी सुविधा दिए उनके उपर जिम्मेदारी थोप दी है। अगर ऐसे मे बस ड्राइवर इस खतरनाक बिमारी का शिकार हो गया तो जिले के लिए बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।