इलेक्शन कमीशन ने किया चुनाव का ऐलान
कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉकडाउन की स्थिति में है। खास कर महाराष्ट्र में। देश में सबसे ज्यादा कोरोनावायरस के मामले महाराष्ट्र में है। इसके चलते राजनेतिक परेशानी उद्धव ठाकरे सरकार को उठानी पड़ रही है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा था अब वो खतरा खत्म होता नजर आ रहा है। इलेक्शन कमीशन ने राज्य के विधान परिषद चुनाव कराने का फैसला कर है लिया है। इसकी अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी। और आने वाले 21 दिनों में चुनाव को सम्पन्न करा दिए जाएंगे। ये प्रक्रिया 27 मई से पहले पूरी कर ली जाएगी।
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इलेक्शन कमीशन से अनुरोध किया था कि जल्द जल्द महाराष्ट्र विधान परिषद की खाली हुई नौ सीटों पर चुनाव करवाए जाए। राज्यपाल ने कहा था कि राज्य में मौजूद संकट को खत्म को देखते हुए विधान परिषद की सीटों पर चुनाव का ऐलान हो, जो की 24 अप्रैल से खाली हुए है। अब इलेक्शन कमीशन ने चुनाव कराने का ऐलान कर दिया है।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने देश में लॉकडाउन के बीच कई छूट और उपायों का ऐलान किया है। ऐसे में विधान परिषद के चुनाव कुछ दिशानिर्देशों के साथ ही सकते है, राज्यपाल के ये कहने के बाद उद्धव ठाकरे ने राहत की सांस ली है।
दरअसल उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट से 2 बार प्रस्ताव पास कर भेजा था। लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी काफी लंबे समय से चुप थे, फिर सीएम उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को फोन कर कहा था कि देश महामारी से जूझ रहा है जिसमे महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले है और ऐसे में किसी भी प्रकार की इंस्टीबिलिटी राज्य के लिए अच्छी बात नहीं है। उद्धव ठाकरे के फोन करने के बाद महाराष्ट्र में सियासी संकट खत्म होता दिख रहा है।
आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के पद की शपथ 28 नवंबर 2019 को ली थी। उद्धव ठाकरे किसी भी सदन के सदस्य नहीं होने के कारण संविधान के मुताबिक उन्हें सीएम बनने के 6 महीने के भीतर यानी 27 मई 2020 तक किसी भी सदन का सदस्य बनना होगा। उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े मुख्यमंत्री बने थे इसीलिए उन पर ये कानून लागू होता है।