विपक्ष द्वारा अम्फान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को माना गया
कोरोना महामारी के कारण देश के हालात को देखते हुए मोदी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दल एकजुट होने जा रहे है. देश में उत्पन्न हालात के मद्देनजर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों की बैठक चल रही है. बैठक में सबसे पहले तूफान अम्फान के कारण जान गंवाने वाले लोगो को श्रद्धांजलि दी गई है. इसके बाद ही मीटिंग शुरू की गई.
इस बैठक में सभी विपक्षी दलों ने अम्फान तूफान को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है केंद्र सरकार से. प्रभावित राज्यो को इस आपदा के प्रभाव से निपटने में मदद की मांग की है.
विपक्षी दलों ने कहा है कि ये वक़्त राहत और पुनर्वास करने की सबसे प्रमुख प्राथमिकता होनी चाहिए. विपक्षी दलों ने इस आपदा के बाद जो अन्य बीमारी के होने वाले खतरे को भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. इसके बाद, विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से नागरिकों, देशवासियों को तत्काल सहायता मुहैया कराए जाने का आह्वान किया है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए बैठक की अगुवाई की है. इसमें 22 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया है. विपक्षी दलों की बैठक में आरजेडी की तरफ से राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा, आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा बैठक में हिस्सा के रहे है.
अन्य विपक्षी दलों की बात करें तो उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल सपा और बसपा हिस्सा नहीं ले रहे है और इसके साथ अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी इससे किनारा के लिया है. ममता बनर्जी अम्फान तूफान के कारण वो और पीएम मोदी तबाह होने वाले क्षेत्र का हवाई निरक्षण करने वाले है इसलिए ममता बनर्जी थोड़ी देर बाद ज्वाइन करेंगी. इसके साथ शिवसेना भी इस बैठक में शामिल होने जा रही है. इससे पहले टीएमसी और शिवसेना दोनो ने विपक्ष की किसी भी बैठक से दूरी बनाई रखी थी लेकिन इस बार इन्होंने ज्वाइन करने का फैसला किया है. सपा और बसपा के नहीं आने का एक कारण कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी को बताया जा रहा है चूंकि प्रियंका गांधी कांग्रेस की तरफ से यूपी में बहुत एक्टिव है, इसको देखते हुए दोनो प्रमुख विपक्षी दलों ने शामिल ना होने का फैसला किया है.