सीबीएसई अधिकारी ने दी जानकारी
कोरोना वायरस के चलते पूरा देश लॉक डाउन में है। उस वजह बच्चो की परीक्षाएं भी नहीं हो पा रही है। इसके लिए सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा है कि 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन करने में एक से डेढ़ महीने का समय लग सकता है। खबरों की मांने तो अभी तक सीबीएसई बोर्ड की 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की केवल 30 फीसदी कॉपियां ही चेक जो पाई है। और जब बची हुई परीक्षाओं के बारे में पूछे जाने पर एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब सिर्फ महत्वपूर्ण पेपरों की ही परीक्षाएं होंगी। और स्टूडेंट्स को कम से कम 10 दिन पहले इस बारे में सूचित किया जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि को भी परीक्षाएं बची हुई है उसे लॉकडाउन के बाद ही आयोजित किया जा सकेगा। और ऐसे में रिजल्ट के जल्द आने कि कोई संभावना नहीं है।
आपको ये भी बता दें कि सीबीएसई यानी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने यह भी कहा है कि 10 वीं और 12 वीं के 36 लाख स्टूडेंट्स है और उनके दो करोड़ पेपरों का मूल्यांकन दो लाख टीचर्स कि मदद से किया जाएगा।
अधिकारी का कहना है कि अभी फिलहाल उनके एक प्लान है और वो उसे क्रियान्वित करने का वेट कर रहे है। ऐसे में एकेडमिक गतिविधियों के लिए अभी दूसरे प्लान की आवश्यकता नहीं है।
कोरोनावायरस के संक्रमण को देखते हुए सीबीएसई ने 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की परीक्षाओं को बीच में ही रोक दिया था। अप्रैल के पहले हफ्ते में बोर्ड की तरफ से घोषणा कि गई थी कि अब 10 वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। उधर 12 वीं के केवल मुख्य विषयों की ही परीक्षाएं होंगी। इसके अलवा उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के कारण जो स्टूडेंट्स बोर्ड की परीक्षाएं नहीं दे पाए थे उनके लिए एग्जाम्स एक बार फिर आयोजित किए जाएंगे।
इसी बीच मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को राज्यो के शिक्षा मंत्रीयो से मुलाक़ात की। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाल रहे मनीष सिसोदिया ने कहा है कि 10 वीं और 12 वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं कराना संभव नहीं है। इस कारण इंटरनल नंबर के आधार पर बोर्ड के स्टूडेंट्स को अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाना चाहिए।