जाप प्रमुख को बड़ी राहत: 32 साल पुराने अपहरण केस में पप्पू यादव बरी, साक्ष्यों के अभाव में मधेपुरा विशेष कोर्ट ने सुनाया फैसला
सार
11 मई को पटना से गिरफ्तार किए गए जाप प्रमुख एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव पांच महीने बाद जेल से बाहर आएंगे। मधेपुरा विशेष अदालत के एडीजे तीन निशिकांत ठाकुर ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी करने का फैसला सुनाया है।
पप्पू यादव, जाप प्रमुख
विस्तार
पप्पू यादव को तीन दशक पुराने अपहरण के एक मामले में 11 मई को पटना से गिरफ्तार किया गया था। पटना के गांधी मैदान थाना से उन्हे रातोरात मधेपुरा पुलिस पटना से पप्पू यादव को लेकर सिविल कोर्ट पहुंची थी। जहां कोर्ट ने पप्पू यादव को जेल भेज दिया था। बता दें कि पटना से गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव के समर्थकों के भारी विरोध के बीच उन्हें मधेपुरा ले जाया गया था। कोर्ट का फैसला आने के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट किया। उन्होंने ट्विटर पर लिखा इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया।
इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ। जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया। साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था। न्यायालय के प्रति आभार!
मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 4, 2021
पप्पू यादव के लिए रात में खुला था कोर्ट
पप्पू यादव की पेशी के लिए रात 11 बजे मधेपुरा सिविल कोर्ट को खोला गया था। पप्पू यादव को जब गिरफ्तार किया गया था तो बिहार समेत पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर चल रही थी। इस दौरान पप्पू यादव लोगों की मदद भी कर रहे थे। साथ ही कोरोना प्रबंधन की अच्छी व्यवस्था नहीं होने से सरकार की आलोचना भी कर रहे थे।
दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल में थे भर्ती
मई में गिरफ्तारी के बाद ही उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला दिया था। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर उन्हें दरभंगा के DMCH में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। पप्पू तब से ही DMCH में भर्ती थे। वहीं से वो कोर्ट की तारीखों पर सुनवाई के लिए आते-जाते थे। आज सुबह वह अपने पैरों पर खड़े होकर एंबुलेंस में बैठकर मधेपुरा कोर्ट पहुंचे। इससे पहले वो ह्वील चेयर पर बैठे नजर आते थे।
हाईकोर्ट ने छह महीने में मामला खत्म करने का दिया था आदेश
पटना हाईकोर्ट ने इस मामले को छह महीने में सुनवाई कर खत्म करने का आदेश जारी किया था। सभी पक्षों की गवाही हो चुकी है। इस मामले में दो गवाहों की मौत भी हो चुकी है। दोनों पक्षों ने कोर्ट में सुलहनामा भी दाखिल कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश पर चार महीने में ही मामले की सुनवाई कर फैसला सुना दिया गया। पप्पू यादव पर 1989 के दौरान शैलेंद्र यादव ने मुरलीगंज थाना में राम कुमार यादव और उमाशंकर यादव के अपहरण किए जाने का मामला दर्ज करवाया था। 32 साल पुराने अपहरण मामले में पप्पू यादव मई से जेल में बंद थे। मधेपुरा विशेष कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें रिहा कर दिया।