कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी का बड़ा निर्णय
कोरोना वायरस की इस महामारी के कारण देश में लॉक डाउन का ऐलान पीएम मोदी द्वारा किया गया था और ये अपील की गई थी कि को जहा है वो वहीं रहे। इससे जो मजदूर और श्रमिको को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ी है। इसी के चलते देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को ऐलान किया है कि देशभर में फंसे मजदूरों के घर वापस जाने के लिए रेलयात्रा का खर्च कांग्रेस पार्टी उठाएगी।
कांग्रेस पार्टी के ऑफिसियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस पार्टी की कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी और इस बारे जरूरी कदम उठाएगी। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का बयान ट्वीट किया गया है।
सोनिया गांधी के लिखित बयान में कहा गया है कि श्रमिक व कामगार देश की रीढ़ की हद्दी है। उनकी मेहनत और कुर्बानी राष्ट्र निर्माण की नींव है। सिर्फ चार घंटे के नोटिस पर लॉक डाउन करने के कारण लाखो श्रमिक व कामगार घर वापस लौटने से वंचित हो गए थे। 1947 के बंटवारे के बाद देश ने पहली बार यह दिल दहलाने वाला मंजर देखा है जिसमे हजारों श्रमिक व कामगार सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल घर वापसी को मजबुर हो गए। केंद्र सरकार द्वारा ना उनके लिए राशन, ना ही पैसा, ना ही दवाई, ना ही किसी प्रकार का साधन, सिर्फ उनके पास अपने घर परिवार के पास पहुंचने की लगन। उनका ये हाल देख कर दिल कांप जाता है। सोनिया गांधी ने कहा देश की सरकार का क्या कर्तव्य है? श्रमिक और कामगार अपने घरों को जाना चाहते है पर ना उनके पास साधन है और ना ही पैसा। हैरानी के अलावा दुख की बात है कि भारत सरकार और रेल मंत्रालय इस मुश्किल की घड़ी में में भी रेल यात्रा का किराया इन्हीं से ही वसूला का रहा है।
श्रीमती सोनिया गांधी ने कहा है कि हम विदेशो में फंसे भारतीयों को अपना कर्तव्य समझ कर हवाई जहाज़ से निशुल्क वापस अपने मुल्क के आए है। तो हम इन श्रमिको और कामगारों को क्यों नहीं उन्हें उनके घर तक पहुंचा सकते है। रेल मंत्रालय पीएम कोरोना फंड में 151 करोड़ रुपए दे सकता है तो फिर हमारे देश की रीढ़ हड्डी माने जाने वाले श्रमिको और कामगारों को इस महामारी के वक़्त निशुल्क यात्रा की सुविधा क्यों नहीं दे सकते है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमने बार बार सरकार से इस बात को उठाया था कि इन श्रमिको और कामगारों को निशुल्क वापस अपने घर तक पहुंचाए। परंतु दुर्भाग्य से ना तो सरकार ने हमारी सुनी और ना ही रेल मंत्रालय ने। इसी कारणवश हमने ये निर्णय लिए है कि इनके वापसी की रेल यात्रा का टिकट खर्च कांग्रेस पार्टी की प्रदेश कांग्रेस कमेटी कि हर इकाई वहन करेगी। हम इन श्रमिको और कामगारों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़े है।