भास्कर इंटरव्यू: ‘एक थी बेगम-2’ की बेगम यानी अनुजा साठे होगी और भी खूंखार, शाहाब अली को नए किरदार भी ऑफर हो रहे हैं
अंडरवर्ल्ड की बेगम उर्फ अनुजा साठे एक बार फिर लौट आई हैं। अनुजा साठे, वेब सीरीज “एक थी बेगम सीजन टू” के साथ आ रही हैं, ये बेगम और भी होशियार, बेखौफ और पावरफुल नजर आ रही है। इसके साथ ही फ़िल्म में टेररिस्ट की भूमिका निभा रहे शाहाब अली ने भी अपने किरदार के बारे में बातचीत की। साथ ही इस शो की शूटिंग के दौरान अनुजा कैसे लक्ष्मी बनी, उसके बारे में दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत में अपने अनुभव को साझा किए।
सवाल- एक थी बेगम सीजन टू में क्या नई चीजें देखने को मिलेंगी?
अनुजा- इस सीजन में काफी कुछ नया देखने मिलेगा। इस बार कई सारे नए एक्टर्स और नए कैरेक्टर जुड़े हैं। इस बार एक अलग तरह का ड्रामा देखने को मिलेगा। नई कहानी होगी, लेकिन मकसद वही है। इस सीजन में बेगम और भी खूंखार दिखने वाली है। इसलिए हम उसे बैड एस क्वीन कह रहे हैं।
सवाल- अंडरवर्ल्ड डॉन के मुकाबले लेकिन लेडी डॉन पर कम फिल्में बनी हैं, ऑडिएंस ने इस शो को पसन्द किया है इसे कैसे देखती हैं?
अनुजा- बिल्कुल सही कहा आपने! अंडरवर्ल्ड पहले से ही डोमिनेटेड रहा है। ऐसी कई सारी औरतें अंडरवर्ल्ड से जुड़ी हुई हैं, जिन्होंने बहुत कुछ किया है। मेरा यही कहना है कि उन्होंने जो किया, वह सही है या गलत है! या मोरली वह चीजें सही हैं! अगर आप देखें, गंगूबाई हो या फिर हसीना पारकर। इन औरतों ने अकेले ही अपनी साख जमाई। सभी चीजों को संभाला, जो भी उनका बिजनेस है। उसे आगे बढ़ाया। जो उनकी गैंग होती है, उसे आगे बढ़ाया। उसके लिए हिम्मत चाहिए होती है। इन्हीं सभी कैरेक्टर को मिलाकर हमारे अशरफ का किरदार है। जो सही और गलत के बारे में नहीं है। यहां पर बात ताकत की हो रही है।
सवाल- एक्शन सीन करना कितना मुश्किल रहा क्या उस दौरान आपको कोई चोट लगी?
अनुजा-शो मे हाई एन्ड एक्शन सीन्स नहीं हैं। जैसे की बॉम्बिंग, जो भी एक्शन सीन है। वह बहुत ही नफरत से भरे हैं। जैसे कि जब दो अननोन के बीच में किसी सड़क पर या किसी गली में लड़ाई हो जाती है। तो जिस तरह का गैंग वॉर हो सकता है। उस तरह के एक्शन सीन्स देखने मिलेंगे। एक सीन था, जिसे शूट करते वक्त मुझे चोट लग गयी थी। एक बुलेट थी जो मुझे डॉज नहीं कर पाई। वो मेरी गलती के कारण हुआ था। उस बुलेट का निशान अभी भी मेरे हाथ पर है। क्योंकि उसके फ़्रेग्मेंट्स हाथों में घुस गए थे। थोड़ा मुश्किल था, क्योंकि मैं डर गई थी। अगर मेरे हाथ की बजाय मेरे चेहरे पर लग जाता तो क्या होता? एक्शन सीन करते वक्त मैंने बहुत कुछ सीखा और सबसे इंपोर्टेंट चीज थी कि आपकी सेफ्टी का ध्यान रखने के लिए लोग वहां होते हैं। लेकिन फिर भी आपको अपना ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
सवाल- मराठी फिल्मों के बाद कुछ हिंदी सीरियल्स और अब वेब शोज करने का मौका मिल रहा है कैसे देखती हैं इस बदलाव को?
अनुजा-बदलाव से मैं बहुत खुश हूं क्योंकि अब ऐसे कई सारे मराठी चेहरे हैं जो हिंदी इंडस्ट्री में काम करते हुए नजर आते हैं। लोग उन्हें प्यार देते हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि अब लैंग्वेज बैरियर खत्म हो रहा है, मैं गुजराती, मराठी या तेलुगु फिल्म या शोज के एक्टर्स हैं। अब ये बात खत्म हो रही हैं। सबसे अच्छी बात यह है कि हमारे देश में बहुत टैलेंट है। अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के कारण उन्हें मौका मिल रहा है। उन्हें काम मिल रहा है। यह बहुत बड़ा बदलाव है। इस बदलाव से मैं बहुत खुश हूं।
सवाल- ‘एक थी बेगम सीजन 2’ में क्या किरदार है और लीला पासवान से किस तरह की भिड़ंत होने वाली है?
शाहाब- मेरी सीधी टक्कर लीला पासवान से है। मेरे किरदार का नाम शकील अंसारी है। वो एक गैंस्टर है, लेकिन शकील एक बहुत ही सोफिस्टिकेटेड और साफ-सुथरा गैंगस्टर है। क्योंकि जब हम गैंगस्टर की बात करते हैं तो एक गैंगस्टर की खूंखार छवि सामने आती है। मग़र शकील वैसा बिलकुल भी नहीं है। शकील एक बिज़नसमेन है जिसकी आड़ में वो गैंग भी चलता है।
सवाल- एक्शन सीक्वेंस के दौरान कोई चोट लगी हो?
शाहाब- ट्रेलर में भी दिखाया गया है कि मैं कार में बैठा हूं और अचानक मुझपर अटैक होता है। वो सीन मेरे लिए चैलेंजिंग था। आप जब कार में बैठे हैं, तो ज्यादा मूव नहीं कर पाते हैं। उस सीन को पूरी इंटेंसिटी के साथ करना मेरे लिए चैलेंजिंग था। क्योंकि जब मैं वो सीन कर रहा था। उस वक्त मैं बहुत ही दर्द में था, लेकिन जब शॉट ख़त्म हुआ तो देखा कि मेरे गले पर सच में कई निशान हैं, और बहुत सारी चोटें थीं।
सवाल- फैमिली मैन के बाद से क्या आपको वैसे ही रोल्स मिल रहे हैं?
शाहाब- जब फैमिली मैन का सीजन वन खत्म हुआ था। उसके बाद लगातार मुझे टेरेरिस्ट के रोल के लिए ऑफर आ रहे थे। मुझे इतने ऑफर आते थे, कि जब लॉक डाउन हुआ उस वक्त मैंने घर में एक टॉय गन खरीद कर रखा हुआ था। अब अगला ऑडिशन आएगा तो उसमें गन तो होगी ही, स्कल्प कैप भी पहननी होगी। एक तावीज चाहिए होगी। तो मैंने ये तीनों चीजें सम्भालकर अपनी अलमारी में रख दी थीं। जब भी ऐसे ऑडिशंस आएंगे तो मैं पहनकर उसे कर दूंगा।
शुरू में ऐसे 10 से 15 ऑफर आए, जिसमें चार से पांच रोल मिले भी। लेकिन फिर मुझे लगा कि अगर मैं ऐसे ही रोल करूंगा तो मुझे टाइप कास्ट न कर दिया जाए। हम भी एक जैसे रोल कर करके बोर हो जाते हैं। इसके साथ ही ऑडिएंस को लगता है कि एक्टर में केपेबिलिटी नहीं है। ये सब आप पर निर्भर करता है। आप कैसे रोल चुन रहे हैं, लेकिन फैमिली मैन सीजन 2 के बाद से बहुत कुछ बदला। मुझे अब कुछ अलग तरह के रोल्स भी मिल रहे हैं।