20 फीसदी एसबीआई ग्राहकों ने है चुना मोरोटोरियम, ग्राहकों को नहीं आया पसंद
देश में छाए कोरोना वायरस के संकट के कारण आर्थिक स्थिति बहुत ही बुरी हो गई है. इसके लिए आरबीआई यानि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से ग्राहकों लोन की ईएमआई भुगतान करने (मोरेटोरियम) की सुविधा को बढ़ा दिया है, लेकिन फिर इसमें लोगो की दिलचस्पी नहीं दिख रही है.
देश के सबसे बड़े सरकार बैंक एसबीआई यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एक आंकड़ा जारी किया है. अगर इन आंकड़ों की बात करें तो सिर्फ 20 फीसदी कर्जदार लोगो ने ही मोरेटरियम का विकल्प चुना है. इसका मतलब है हुआ कि जिन लोगो ने एसबीआई से लोन लिया है उनमें से सिर्फ 20 फीसदी ग्राहकों ने लोन की किश्त टालने में दिलचस्पी दिखाई है.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया है कि एसबीआई के ग्राहकों में मोरेटोरियम सुविधा (ईएमआई भुगतान टालने) लेने वालों का प्रतिशत बहुत ही छोटा है. उन्होंने कहा है कि जिन लोगो ने भी छूट का विकल्प चुना है, इनमे सभी नकदी के संकट का सामना नहीं कर रहे है. रजनीश कुमार आगे कहते है, इनमे से कई लोग अपने लोन की किश्तें चुका सकते थे, लेकिन उन्होंने रणनीति के अनुसार छूट का लाभ उठाना तय किया. वे अपनी नकदी को बचाकर रखना चाहते है, इसलिए उन्होंने किश्तें चुकाने से छूट का विकल्प चुना.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कर्जदाताओ को सलाह दी कि यदि वे नकदी कि कमी से नहीं जूझ रहे है तो किश्तें चूकते रहें. वो आगे कहते है कि अगर आप ईएमआई चुकाने में सक्षम है, तो भुगतान करते रहें. अगर भुगतान करने में असमर्थ है, तभी कर्ज की किश्तों से छूट का लाभ उठाना चाहिए.