हाल ही में सामने आए एक केस ने राजधानी दिल्ली को आश्चर्यचकित कर दिया था। जी हां आप बिल्कुल सही समझे हम बात कर रहें हैं बुराड़ी केस की। इस दुर्घटना में ग्यारह लोगो ने फांसी लगा कर आत्महत्या की थी। दिल्ली पुलिस की पूछताछ से और कारवाही से यह सामने आया है कि यह अंधविश्वास का एक खेल भी हो सकता है। पूरी दिल्ली में इस घटना को लेकर एक सनसनी मची हुई है। दिल्ली पुलिस ने काले जादू के तख्त पर भी केस की कारवाही की है। यह माना जा रहा है कि उज्जैन के एक तांत्रिक बाबा की साजिश से भाटिया परिवार खत्म हो चुका है। ग्यारह लोगो की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पुलिस के पास आ चुकी है। एक रजिस्टर के सामने आने के बाद यह पुख्ता रूप से कहा जा रहा है कि यह एक अंधविश्वास का मामला था। परिवार के करीबियों से बात करके पता चला है कि परिवार के मुखिया की हत्या करीबन ग्यारह साल पहले हो चुकी थी जिसके बाद परिवार में रहने वाला छोटा बेटा यह दावा करता था कि उसके अंदर उसके पिता की आत्मा आती थी और सबसे बात करती थी। रजिस्टर के अनुसार परिवार एक हफते पहले से बरगद के पेड की पूजा कर रहा था और उन्हें यह बताया गया था कि अगर वह फांसी लगा लेंगें तो उन्हें उनके पिता की आत्मा आकर बचा लेगी जिससे उनहें मोक्ष की प्राप्ति होगी। पडोंसियों का यह भी मानना है कि यह सामूहिक हत्या भी हो सकता है। वहीं मनोचिकित्सकों का एक अलग नजरिया सामने आया है उनका मानना है शायद सभी लोगो को हिपनोटाईज करके हत्या की गई हो। अगर यह अंधविश्वास का केस है तो यह बेहद चैकाने वाली वह दुखद घटना है कि किस प्रकार से एक पढ़ा लिखा परिवार सामूहिक आत्महत्या कर लेता है। परिवार के सभी लोग पढ़े लिखे थे व इस महिनें के शुरूआती कुछ दिनों में उनके घर में शादी भी होने वाली थी। सीसीटीवी फोटेज निकाल कर भी हर एंगल देखा जा रहा है। कई लोगो ने ब्यान दिया है कि परिवार धार्मिक गतिविधयों में था परंतु अंधविश्वास जैसी कोई घटना सामने कभी नही आई। अगर यह हत्या थी तो घर का कुत्ता क्यों नही भौकां यह भी एक प्रश्न पुलिस के सामने है। घटना के दिन से पहले होने वाली सभी बातों को ध्यानपूर्वक परखा जा रहा है। हर दिन इस केस में कोई न कोई नई बात सामने आ रही है। वहीं राजपूत दल के कुछ नेताओं ने यह मांग की है कि केस की सीबीआई जांच होना चाहिए वर्ना दिल्ली के कई विधायकों को वह अगवाह कर सकते हैं