सिंहवाड़ा: आज दिनांक 15/02/ 2019 दिन शुक्रवार को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया की ओर से राष्ट्रव्यापी बाबरी कैम्पैन के तहत शकरपुर जामा मस्जिद के निकट में बाबरी प्रदर्शनी का आयोजन सुबह 11:00 बजे से रात्रि 8:00 बजे तक किया गया इस के अंतर्गत यह बताया गया कि गोस्वामी तुलसीदास ने 1574 में अयोध्या वाराणसी और चित्रकूट में रामचरितमानस की रचना की लेकिन रामचरितमानस में कहीं भी या नहीं मिलता कि बाबरी मस्जिद बनवाने के लिए राम जी की किसी मंदिर को तोड़ा गया बल्कि अवध के हिंदू मुसलमान सदियों से मिलकर अवध में रहते चले आए तथा उन्होंने मिलकर 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया! अंग्रेज इस लड़ाई से बहुत परेशान हुए तब लार्ड डुफरिन ने हिंदू मुसलमानों के बीच नफरत डालने की रचना गढ़ी उसने यह बात गढ़ी की मुस्लिम राजाओं ने मस्जिद बनवाने के लिए मंदिरों को तोड़ा था महंत रघुवर दास ने सबसे पहले मस्जिद के बाहर चबूतरे पर मंदिर की बात कही तथा याचिका दायर की उस समय उनका दावा मस्जिद पर नहीं बल्कि मस्जिद के बाहर चबूतरे पर था 22 दिसंबर 1949 को आधी रात को जबरन मस्जिद के अंदर रामलला की मूर्ति रख दी उस समय का डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट संप्रदायिक लोगों से जा मिला 16 जून 1950 के डिप्टी कमिश्नर जे०एन० उग्र द्वारा 25 अप्रैल 1950 को दाखिल हलफनामे ने हालत को साफ कर दिया 1984 मे आर०एस० एस० विश्व हिंदू परिषद राम मंदिर निर्माण की मांग हेतु देशव्यापी आंदोलन चलाया 80 के दशक में कांग्रेस ने सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड खेला 1989 में 11 नवंबर 1989 को बीजेपी और बी०एच०पी०ने मिलकर मुसलमानों की वक्फ की जमीन पर मंदिर का शिलान्यास किया 25 सितंबर को एलके आडवाणी के नेतृत्व में नफरत की राजनीति हेतु रथ यात्रा निकला और 6 दिसंबर 1992 को बीजेपी और आर एस एस के बुलाने पर 300000 कारसेवकों को अयोध्या में जमा कर बाबरी मस्जिद शहीद कर दी गई इस दुर्घटना के बाद देशभर में संप्रदायिक दंगे भड़क उठे जिसमें दो हजार से अधिक लोगों की जान गई उस समय के प्रधानमंत्री ने यह वादा किया था कि बाबरी मस्जिद दोबारा उसी स्थान पर बनाई जाएगी अब तक देश को इस वादे के पूरे होने का इंतजार है लिब्राहन कमिशन ने 68 लोगों को दोषी पाया परंतु किसी पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तथा 30 सितंबर 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला में जमीन को 3 टूकड़े बांट दिए 9 मई 2011 को सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

प्रदर्शनी का उदघाटन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश महासचिव रियाज़ अहमद ने फीता काटकर किया प्रदर्शनी में हजारों लोग जिसमें मर्द बुढे एंव औरते थी तथा विभिन्न समुदाय के लोग ने इस प्रदर्शनी को देखा तथा प्रदर्शनी को बहुत ही लाभदायक बताया।
एस०डी०पी०आई० के प्रदेश महासचिव ने बताया कि बीजेपी 4 साल तक हुकुम में रहकर मन्दिर नहीं बनाया न कोई बात की परंतु इलेक्शन नजदीक आते ही अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए ध्रुवीकरण एवं संप्रदायिक राजनीति हेतु अब राम मंदिर का मुद्दा लेकर उठी है। हम इस प्रदर्शन के माध्यम से लोगों को यह जानकारी दे रहे हैं। तथा उन्होंने कहा कि हमें पूर्ण विश्वास है कि बाबरी मस्जिद को कोर्ट से इंसाफ जरूर मिलेगा प्रदर्शनी को नौशाद अहमद जिला अध्यक्ष एस•डी•पी•आई एवं डा•मोहम्मद महबूब आलम जिला महासचिव SDPI दरभंगा
मोहम्मद तौसीफ हुसैन, फैसल इमाम मोहम्मद शाहनवाज़ आदि लोग प्रदर्शित चित्र की व्याख्या कर रहे थे प्रदर्शनी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के प्रदेश सचिव श्री मोहम्मद तौसीफ हुसैन ने भी हिस्सा लिया उन्होंने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद सिर्फ मुसलमानों का मसला नहीं बल्कि राष्ट्र का मसला है हमें पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट बाबरी मस्जिद के साथ इंसाफ करेगा प्रदर्शनी में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के जिला अध्यक्ष मोहम्मद सनाउल्लाह ने प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी प्रदर्शनी से आवाम में बेदारी आती है।पी०एफ०आई० के अदीबउद्दीन ने भी प्रशंसा की वही मो०प्रवेज खान जमा ने भी SDPI के युवाओ और लोगो की काफी प्रशंसा की तथा बाबरी मस्जिद विध्वंस को नफरत की राजनीति का हिस्सा बताया।