साल बदलते ही 2019 की पहली तारीख को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस द्वारा लंबे वक्त से सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर उठाए जाने वाले सवालों का जवाब बेबाकी से दिया। ‘सूर्योदय से पहले वापस लौट आइएगा, फिर चाहे मिशन में सफलता मिले या असफल भी रहें।’ यह निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन आर्मी स्पेशल फोर्स के कमांडोज को दिए थे, जो कि 28 सितंबर 2016 को लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पार कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में दाखिल हुए और आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मिलिटरी ऐक्शन की विस्तृत जानकारियों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि कमांडोज की सुरक्षा को देखते हुए दो बार हमले की योजना की तारीखों को बदल दिया गया था। बता दें कि कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के 20 जवानों की हत्या के बाद सुरक्षाबलों ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। पीएम मोदी ने कहा, ‘उरी में हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के कई जवानों को जिंदा जला दिया गया था। इसकी वजह से मेरे साथ-साथ भारतीय सेना के जवान भी बहुत गुस्से में थे, जिसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई।’
सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, ‘मैंने उन्हें साफ निर्देश दिए थे कि आपको सफलता मिलती है या आप असफल भी रहते हैं। इन सबके बारे में मत सोचिएगा लेकिन सूर्योदय से पहले वापस लौट आइएगा। बेवजह के किसी उम्मीद में मत फंसिएगा और न ही इसे आगे बढ़ाइएगा।’ जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते थे कि ऑपरेशन के दौरान कोई भी सैनिक शहीद हो, इसके लिए साफ तौर पर निर्देश थे कि यदि वह असफल भी होते हैं तो वे सूर्योदय से पहले वापस लौट आएं।
