पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार भारत में रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया गया था.
लॉकडाउन के ऐलान बाद जो जहां था वो वहीं रहा. और सब अपने अपने घरों में रहने को मजबुर हो गए. सभी यातयात सुविधाएं भी स्थगित कर दी गईं थीं. पर बाद में रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई ताकि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्य में फंसे लोग अपने घरों तक पहुंच सकें. रेलवे की ओर से कहा गया है कि 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलानी शुरू की थी. श्रमिकों को अपने गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ये ट्रेन चला रही है. अबतक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल चुकी है.
रेलवे बोर्ड के तरफ से चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलानी शुरू की थी. वो आगे बताते है कि 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल चुकी है. और लगभग 52 लाख यात्री कर चुके है. अगर औसत देखें तो एक हफ्ते में 1524 श्रमिक स्पेशल ट्रेन और करीब 20 लाख पैसेंजर यात्रा किए है.
विनोद कुमार यादव ने बताया कि पिछला को एक हफ़्ता था उसमें हमने 3 लाख प्रतिदिन के हिसाब से प्रवासी श्रमिको को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया है. वो बताते है कि जिस राज्य से जैसी डिमांड आती है उस हिसाब से ट्रेनें हम दे रहे है.