देश में लॉकडाउन है और इस लॉक डाउन में कुछ ऐसी खबरे आती है को आत्मा को झंझोड देती है। ऐसी ही एक घटना तमिलनाडु में हुई है। एक 10 साल के बच्चे को अपने पिता के शव के पास बैठकर मां और दादी का इंतेज़ार करना पड़ा। ये बच्चा कक्षा 5 वीं में पड़ता है। ये जरूर इस बच्चे के जीवन का सबसे बुरा दिन होगा। इसी दिन हादसे के शिकार इसके पिता की मौत हो गई है। तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले की ये घटना है।
दरअसल, इस बच्चे (जीवा) के पिता 35 साल के थे। उनका नाम अय्यानार था। उनको एक हादसे के बाद चेन्नई के सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अय्यानार पिछले कुछ महीनों से पूरी तरह बिस्तर पर ही थे। अय्यानार की पत्नी का नाम धनम और इनकी मां का नाम मुनिम्मल है। ये दोनों इनकी देखभाल कर रही थी। लेकिन कोरोना वायरस के इन हालातो को देखते हुए अय्यानार को कुछ दिन पहले है अस्पताल से घर लाया गया था।
जैसे ही अय्यानार का परिवार विल्लुपुरम पहुंचा इनकी पत्नी और मां कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उन दोनों को अस्पताल में भर्ती करवा दिया।
लेकिन इसी बीच, एक ढुखद घटना हुई कि घर में अपने बिस्तर पर पड़े अय्यानार की 8 मई को मौत हो गई। आगे क्या करना है इस बात से अनजान मासूम जीवा अकेले ही अपने पिता के पार्थिव शरीर के पास बैठकर मां और दादी का इंतेज़ार करता रहा। लेकिन उनकी मां और दादी तो संक्रमित होने की वजह से अस्पताल में भर्ती थी।
अधिकारियों द्वारा अय्यानार की पत्नी धनम और उनकी सास मुनिम्म्मल को इस दुखद घटना के बारे में बताया। फिर इन दोनों की पूरी सावधानी और प्रोटेक्टिव ड्रेस में घर लाया गया। कई लोगो ने अय्यानार के अंतिम संस्कार में मदद की थी। उनको भी प्रोटेक्टिव ड्रेस और पीपीई किट से लैस रखा गया था।