नई दिल्ली: 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले देश में राजनीति के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. कांग्रेस जहां विपक्षी दलों को एकजुट रखने की जुगत में है, वहीं बीजेपी अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए हर पैंतरा आजमा रही है. अक्सर देखा गया है कि दो बड़े नेताओं की एक मुलाकात से देश की सिसासत के रंग बदलते रहे हैं. पश्चिम बंगाल में विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गर्मजोशी से मुलाकात के साथ ही राजनीतिक गलियारे में कई बातें शुरू हो गई हैं. सवाल उठने लगे हैं कि क्या विपक्षी खेमे की सबसे मजबूत कड़ी को पीएम मोदी 2019 से पहले अपने पाले में ले आएंगे?
दरअसल, विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएम मोदी हेलीकॉप्टर से बाहर आ चुके थे और ममता बनर्जी थोड़ी दूरी पर उनके स्वागत के लिए खड़ी थीं. पीएम हेलीकॉप्टर से उतरकर खुद आगे बढ़े और ममता बनर्जी को रास्ता बताते दिखे. पीएम बात रहे थे आप जिस रास्ते से आ रही हैं, वहां कीचड़ है, कृपया आप थोड़ा सा रास्ता बदलकर आएं. ममता भी पीएम मोदी के इशारे को समझते हुए लपकते हुए अंदाज में पहुंचती हैं और गुलदस्ता भेंट कर झुककर उनका अभिवादन करती हैं।
जब PM रहते हुए ममता बनर्जी के घर पहुंचे थे वाजपेयी
साल 1998-99 की बात है, अटल बिहारी वाजपेयी पहली बार बीजेपी की सरकार बना चुके थे, लेकिन बहुमत जुटाने में दिक्कत आ रही थी. बीबीसी की रिपोर्ट में कोलकाता टीवी के विश्व मजूमदार के हवाले से बताया है, ‘वाजपेयी जी हर कीमत पर बहुमत जुटाना चाहते थे, इसी संदर्भ में वे ममता बनर्जी से मिलने उनके कोलकाता स्थित घर पहुंच गए थे।