लंदन के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में बुधवार को शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण पर अदालत में सुनवाई हुई. एक ब्रिटिश जज इस बात पर विचार कर रहे हैं कि वित्तीय अपराधों को लेकर माल्या को मुंबई में ट्रायल के लिए भारत के हवाले करना है या नहीं.
2016 से ब्रिटेन में रह रहे 60 साल के माल्या पर आरोप है कि उन्होंने अपनी किंगफ़िशर एयरलाइन कंपनी के लिए धोखाधड़ी से 10 हज़ार करोड़ का कर्ज़ लिया. ये कंपनी बर्बाद हो चुकी है.
दिसम्बर में शुरू हुई प्रत्यर्पण सुनवाई में बुधवार को भारत सरकार ने अपना पक्ष रखा कि माल्या ने कर्ज़ लेने के लिए अपनी कंपनी का लाभ ग़लत दिखाया और कंपनी के बर्बाद होने पर कर्ज़ वापस करने का भी कोई इरादा नहीं था.
लेकिन बचाव पक्ष की वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने कहा कि कर्ज़ के लिए किया गया आवेदन ‘पूरा और सटीक’ था और भारत सरकार ने कई ‘स्पष्ट रूप से झूठे’ आरोप लगाए हैं.
जज एम्मा अर्बुथनोट ने कहा कि वह दिसंबर में फ़ैसला लेंगी कि क्या माल्या को भारत में भेजने का मामला बनता है या नहीं