केंद्र सरकार ने बिहार के जमालपुर में स्थित रेलवे प्रशिक्षण संस्थान का स्थानांतरित करके उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में के जाने आदेश दिया है। इस आदेश से पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने सवाल उठाया है। उन्होंने अपने ट्विटर से ट्वीट कर कहा, यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार ने बिहार के जमालपुर में दशकों पुराने रेलवे प्रशिक्षण संस्थान को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है। लॉक डाउन के दौरान ऐसा करना बेहद ही बुरी बात है। बिहार को इसके लिए लड़ना होगा।
आपको बता दे की ये मुद्दा राजनीतिक रूप लेता जा रहा है क्योंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। वो रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर केंद्रीय रेल मंत्रालय के आदेश को लखनऊ से जमालपुर वापस लेने के लिए आग्रह किया है। नीतीश कुमार द्वारा लिए गए इस स्टैंड को गलत नहीं करार दिया जा सकता है। कोरोना के इस महामारी के बीच बिहार बीजेपी की माने तो यह फैसला अनावश्यक है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी से स्वेच्छा से बाहर निकलने वाले नेता यशवंत सिन्हा सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहते है। वो हर किसी बात पर अपनी बात रखना नहीं भूलते।
इससे पहले यशवंत सिन्हा सरकार द्वारा सीएए लाने पर कहा था कि गैर भाजपा शासित राज्यों द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पारित किया जाना एक संवैधानिक संकट है और इस राज्यो की अनदेखी नहीं की जा सकती। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा केंद्रीय सरकार के खिलाफ काफी मुखर है। उनके हर गलत फैसले का वो विरोध करते है। भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा भाजपा के पुराने वरिष्ठ नेताओ के साथ व्यवहार पर भी यशवंत सिन्हा सवाल उठाते रहे है।