‘राफेल’ का ‘जिन्न’, जिसने संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचा रखा है, अभी शांत होता नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस पार्टी के रुख को देखकर लगता है कि राफेल का जिन्न लंबी दूरी तक जाएगा। शुक्रवार को लोकसभा में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल पर दो घंटे तक चर्चा की।रक्षामंत्री के बाद राहुल गांधी को बोलने का मौका दिया गया, जिसमें उन्होंने पहले की तरह एक बार फिर राफेल को लेकर सरकार पर सवाल दाग दिए।इस बार राहुल ने सवालों की फेहरिस्त छोटी रखी है।उन्होंने रक्षामंत्री से केवल दो सवाल पूछे हैं।एक, अनिल अंबानी को आॅफसेट कांट्रैक्ट किसने दिया।दूसरा, क्या रक्षा मंत्रालय ने नए सौदे पर आपत्ति जताई थी।
राफेल पर रक्षामंत्री के बयान के बाद भाजपा नेताओं ने राहत की सांस ली थी कि अब कुछ समय तक यह मुद्दा शांत रहेगा। यहां तक कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और दूसरे कई केंद्रीय मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों ने निर्मला सीतारमण की जमकर प्रशंसा की।इन नेताओं ने कहा, रक्षामंत्री ने बहुत ही प्रभावी तरीके से सरकार का पक्ष रखा है।कांग्रेस को उसके सभी सवालों का जवाब दे दिया गया है।अब कांग्रेस के पास कुछ बोलने को नहीं रह गया है, मगर नहीं कांग्रेस पार्टी ने थोड़ी देर बाद ही राफेल पर सवाल दाग कर बता दिया कि यह मुद्दा यूं ही शांत होने वाला नहीं है।जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, तब तक कांग्रेस पार्टी इसे जीवित रखेगी।
संसद का शीतकालीन सत्र आठ जनवरी को खत्म हो रहा है ।कांग्रेस पार्टी का प्रयास है कि राज्यसभा में भी राफेल का मुद्दा अच्छे से उठाया जाए।संभावना यह भी जताई जा रही है कि सरकार ट्रिपल तलाक का बिल राज्यसभा में लाएगी तो कांग्रेस पार्टी इसे पास नहीं होने देगी।साथ ही सत्र की समाप्ति के बाद पार्टी राफेल के मुददे को लोगों के बीच ले जाएगी।इसके लिए यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई और पार्टी के अन्य सभी प्रकोष्ठ एवं इकाइयों को सचेत कर दिया गया है।सोशल मीडिया पर इसका प्रचार कैसे करना है, यह सब भी बताया जा रहा है।
