मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह शनिवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। दिल्ली में कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया गया। उम्मीद है कि कांग्रेस शनिवार को प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर देगी। संजय का कांग्रेस में जाना मध्यप्रदेश भाजपा के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि सिंह टिकट न मिलने से नाराज थे।
संजय सिंह मुख्यमंत्री की पत्नी साधना के सगे भाई हैं। सिंह नीलाक्ष इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की कंपनी के कर्ताधर्ता हैं। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में इस कंपनी के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने उन पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे ठेकेदार के रूप में पंजीयन कराने का आरोप लगाया था। कांग्रेस में शामिल होने के बाद सिंह ने भाजपा पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि नामदारों को नवाजा जा रहा है और कामदारों को किनारे कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि संजय वारासिवनी से टिकट मांग रहे थे। वे राजनीतिक रूप से यहीं सक्रिय हैं। भाजपा की पहली सूची में वारासिवनी से वर्तमान विधायक योगेन्द्र निर्मल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। सिंह के कांग्रेस में शामिल होने पर भाजपा नेता डॉ. हितेश वाजपेयी ने कहा, ”इस समय जो कांग्रेस में जा रहा है, उसकी मति मारी गई है। भाजपा परिवारवाद पर नहीं जनता के सहयोग से चलने वाली पार्टी है।”
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उनकी बहू व भोपाल की पूर्व महापौर कृष्णा गौर की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पार्टी नेता गोविंद गोयल से मुलाकात हुई। गोविंद गोयल 2013 विधानसभा चुनाव में भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट से बाबूलाल गौर के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी थे और हार गए थे। भाजपा ने शुक्रवार को जिन 176 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए थे, उनमें गोविंदपुरा सीट शामिल नहीं थी