प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडिया कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए आज देश को संबोधित कर रहे हैं । ये पीएम के रेडिया कार्यक्रम का 49वां एपिसोड है। मन की बात में पीएम मोदी ने सरदार पटेल को किया याद, लोगों से रन फॉर यूनिटी में हिस्सा लेने की अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा- टाइम मैगजीन की स्टोरी में सरदार पटेल के विजन का जिक्र है। टाइम मैगजीन ने बताया कि सरदार पटेल ने विषम परिस्थितियों में कैसे देश को संभाला। सरदार पटेल ने देश को एकता के सूत्र में पिरोने का असंभव कार्य किया। उन्होंने 562 रियासतों को मिलाने का काम किया। इस 31 अक्टूबर को हम सरदार पटेल की याद में स्टेचू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे। स्टेचू ऑफ यूनिटी अमेरिकी की यूनिटी ऑफ लिबर्टी से भी ऊंचा है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सरदार पटेल जो हमेशा जमीन से जुड़े रहे, वे अब आसमान की भी शोभा बढ़ाएंगे।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को याद करते हुए पीएम ने कहा कि 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की भी पुण्यतिथि हैं, मैं उन्हें आदरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पैदल सेना दिवस का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा- इसी दिन भारतीय सेना के जवान कश्मीर घाटी में उतरे थे और घुसपैठियों से कश्मीर की रक्षा की थी। उन्होंने कहा कि 28 अक्टूबर को हमने ‘Infantry Day’ मनाया है। मैं उन सभी को नमन करता हूं जो भारतीय सेना का हिस्सा हैं। मैं सैनिकों के परिवार को भी उनके साहस के लिए सैल्यूट करता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह से खेल जगत में साहस, ताकत, कौशल और सहनशक्ति- ये सारी बातें बहुत महत्वपूर्ण हैं, उसी तरह यही चारों गुण किसी राष्ट्र के निर्माण के लिए भी महत्वपूर्ण होते हैं। किसी भी देश के युवाओं के भीतर अगर ये सभी गुण हों, तो वो देश न सिर्फ अर्थव्यवस्था, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में तरक्की करेगा बल्कि खेलों में भी अपना परचम लहराएगा।
पीएम ने बताया कि उन्होंने Asian Para Games के पैरा एथलीट से मिलकर उन्हें बधाई दी है। इन खेलों में 72 पदक जीतकर भारत ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है और देश का गौरव बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और हर विपरीत परिस्थिति से लड़कर आगे बढ़ने का उनका जज़्बा हम सभी देशवासियों को प्रेरित करता है। उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ी नारायण ठाकुर का भी जिक्र किया, उनकी जिंदगी के संघर्ष लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक है।
पीएम ने कहा कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि हमारे सबसे पहले स्वतंत्र सेनानियों में आदिवासी समुदाय के लोग ही थे। भगवान बिरसा मुंडा को कौन भूल सकता है, जिन्होंने अपनी वन्य भूमि की रक्षा के लिए ब्रिटिश शासन के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया, उनको हम आज भी याद करते हैं।
पंजाब के किसान भाई गुरबचन सिंह जी एक सामान्य और परिश्रमी किसान हैं। प्रधानमंत्री ने उनके बेटे की शादी में लड़की के परिवार से खेत में पराली न जलाने का वचन लेने की बात को अत्यंत सराहा और कहा कि गुरबचन सिंह जी के परिवार ने पर्यावरण को बचाने की एक मिसाल हमारे सामने दी है। मैंने पंजाब के एक गांव कल्लर माजरा के बारे में पढ़ा जो नाभा के पास है। कल्लर माजरा इसलिए चर्चित हुआ है क्योंकि वहां के लोग धान की पराली जलाने की बजाय उसे जोतकर उसी मिट्टी में मिला देते हैं। पीएम ने कहा कि जिस तरह बूंद-बूंद से सागर बनता है, उसी तरह छोटी-छोटी जागरुक और सक्रियता व सकारात्मक कार्य हमेशा सकारात्मक माहौल बनाने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करते हैं।
पीएम ने विश्व शांति का जिक्र करते हुए कहा कि जब कभी भी विश्व शांति की बात होती है तो इसको लेकर भारत का नाम और योगदान स्वर्ण अक्षरों में अंकित दिखता है। भारत के लिए इस वर्ष 11 नवम्बर का विशेष महत्व है क्योंकि 11 नवम्बर को आज से 100 वर्ष पूर्व प्रथम विश्व युद्ध समाप्त हुआ था। भारत के लिए प्रथम विश्व युद्ध एक महत्वपूर्ण घटना थी। हमारा उस युद्ध से सीधा कोई लेना-देना नहीं था, इसके बावजूद भी हमारे सैनिक बहादुरी से लड़े और सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने दुनिया को दिखाया कि जब युद्ध की बात आती है तो वह किसी से पीछे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 100 वर्षों में शांति की परिभाषा बदल गई है, आज शांति और सौहार्द का मतलब सिर्फ युद्ध का न होना नहीं है। आतंकवाद से लेकर जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास से लेकर सामाजिक न्याय, इन सबके लिए वैश्विक सहयोग और समन्वय के साथ काम करने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात का समापन सभी देशवासियों को धनतेरस, दीपावली, भैय्या-दूज, छठ इन सभी त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए किया। साथ ही अपने स्वास्थ्य और समाज के हितों का ध्यान रखने का आग्रह किया।