आज शिवरात्रि के दिन मंदिरो में शिव भक्तों की भीड़ नज़र आई | भोले के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो जाएगा| हरिद्वार से गंगा जल लाकर कावड़िया शिव को आज जल चढ़ाएंगे| आज हर मंदिरों और शिव के दरबार को फूलों से सजाया गया हैं| बृहस्पतिवार सुबह से दिन भर महूर्त के मुताबिक भगवान शिव जी को चढ़ाया जाएगाऔर मंदिरों में भंडारा भी होगा| पंडित प्रकाश जोशी ने बताया कि सच्चे दिल से मांगी गई मनोकामनाएं भगवान शिव जी ज़रूर पूरी करते हैं| यही नहीं, जीवन में सुख-समृद्धि भी आती हैं| इस बार मासिक शिवरात्रि का शुभ महुर्त ८ अगस्त को रात १२ बजकर ९ मिंट से ९ अगस्त दोपहर के १ बजे तक है| सावन की शिवरात्रि हर साल सावन के महीने में मनाई जाती है. शिव भक्त भी सावन की शिवरात्रि का साल भर इंतजार करते हैं.
महादेव शंकर को सभी देवताओं में सबसे सरल माना जाता हैं | उन्हें मनाने में ज्यादा जतन नहीं करने पड़ते| भगवान सिर्फ सच्ची भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं. यही वजह है कि भक्त उन्हें प्यार से भोले नाथ बुलाते हैं. सावन के महीने में कांवड़ यात्रा का विशेष महत्व है जिसका सीधा संबंध सावन की शिवरात्रि से है. सावन की शिवरात्रि मनाने के संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं. हालांकि सबसे प्रचलित मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान निकले विष को भगवान शिव घटाघट पी गए थे| परिणामस्वरूम वह नकारात्मक ऊर्जा से पीड़ित हो गए. त्रेता युग में रावण ने शिव का ध्यान किया और वह कांवड़ का इस्तेमाल कर गंगा के पवित्र जल को लेकर आया| गंगाजल को उसने भगवान शिव पर अर्पित किया. इस तरह उनकी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो गई थी| शिवरात्रि यानि आज के दिन मंदिरों के आसपास भारी भीड़ जमा होने के कारण जाम भी लग सकता हैं| हालांकि ट्रैफिक पुलिस की ओर से विशेष सावधानी बरती गई हैं| मुख्य मंदिरों के पास पुलिस की भी तैनाती होगी|