कल दिनांक 09/08/2018 को स्नातकोत्तर राजनीति विज्ञान विभाग में एक विचार गोष्टी का आयोजन किया ॥ इस विचार गोष्टी में मुख्य अतिथि के रुप में वी.एच.यू ,राजनीति विज्ञान विभाग के विद्वान शिक्षक एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्रा नें कहा कि भारत में राजनीति विज्ञान की सर्वप्रथम स्थापना 1916 में काशी विश्वविद्यालय में हुई जिसे महामना मालवीय जी नें “राजधर्म” की संज्ञा दी ॥ जब इस विभाग की स्थापना हो रही थी तो उद्घाटन समारोह में महामना मालवीय जी मुख्य वक्ता थे एवं महाराजाधिराज दरभंगा उसकी अध्यक्षता कर रहें थे ॥ वास्तव में भारत में राजनीति विज्ञान की स्थापना का श्रेय दरभंगा और काशी को जाता हैं ॥ प्रोफेसर मिश्रा नें आगे कहा कि काशी हिन्दु विश्वविद्यालय की स्थापना में दरभंगा महाराजा का अमूल्य योगदान हैं ॥ साथ ही कहा कि काशी के पाण्डित्य परम्परा को मिथिला के विद्वानों नें समृद्ध किया ॥काशी में जितने भी महामहोपाध्याय हुए उसमें अधिकांश मिथिला के ही थे ॥ काशी नें मिथिला के बौद्धिक परम्परा को तराशा एवं मिथिला नें काशी की सांस्कृतिक परम्परा को अक्षुण्ण करने में सहयोग दिया ॥ आरम्भ में विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रवीन्द्र चौधरी नें विषय प्रवेश किया ॥ समाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रोफेसर अनील कुमार झा नें मिथिला की परम्परा के अनुसार पाग ,चादर फूल माला एवं गुलदस्ता से प्रोफेसर मिश्रा का स्वागत किया एवं प्रोफेसर मिश्रा के व्यक्तिव एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला ॥ कार्यक्रम के अंत में प्रोफेसर जितेंद्र नारायण नें धन्यवाद ज्ञापन करते हुए प्रोफेसर मिश्रा यहाँ आने के लिए आभार व्यक्त किया ॥ इस गोष्टी में विभाग में विभाग के छात्र -छात्रायें एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे ॥