विजय कुमार ठाकुर/ सिंहवाड़ा
सिंहवाड़ा। मिथिलांचल में भाई बहन के स्नहे का पर्व सामा चकेवा आस्था का महापर्व छठ पूजा के समाप्त होने के साथ शुरू हो चुकी है। रात के समय टोले मोहल्ले में साम चक साम चक अबिय हे अबिय हे जोतल खेत मे बैठिय हे…….. ग्राम के अधिकारी तोहे बरका भैया हो….. लोकगीतों के गुंजायमान के साथ बहने चंगेरा में सामा चकेवा, चुगला,सतभैया को सजाकर लोकगीतों के जरिये हँसी ठिठोली करते हुए लगातार आठ दिनों तक सामा खेल भाइयो के लिए मंगलकामना करती है। सरीखे गीत एव जुमले के साथ जब चुगला दहन करती है तो ये दृश्य मिथिलांचल की पावन संस्कृति की याद ताजा कर देती है। सामा चकेवा की कहानी श्रीकृष्ण काल से ही जुड़ी हुई है। कार्तिक शुल्क पक्ष पंचमी से प्रारंभ होकर पूर्णिमा तक पर्व मनाया जाता है।