कल बैंक के कर्मचारियों ने अपनी मांगे पूरी करने के लिए 2 दिन यानि 48 घंटो कि स्ट्राइक पे जाने का निर्णय लिया है |
स्टेट यूनियन बैंक से जुड़े कुछ 10 लाख कर्मचारी इस स्ट्राइक मे शामिल होने वाले है | आई. बी. ऐ. यानि इंडियन बैंक एसोसिएशन ने इस बार बैंक के कर्मचारायो कि तनख्वा मे केवल 2 प्रतिशत इजाफा करने का प्रताव रखा था जिससे ना खुश कर्मचारियों मे स्ट्राइक करने का फैसला किया | आई. बी. ऐ. ने अपनी सफाई देते हुए 2% इजाफे के प्रस्ताव को यह कह के समझाया है कि इस वक़्त बहुत ज़्यादा (और भरी) लोन है जिसकी वजह से उनकी नज़र ने तनख्वा ज़ादा नहीं बढ़ानी चाहिए | इस सफाई को ना मानते हुए UBFU कन्वेनर देवीदास तुलजापुरकर ने कहा कि किसी भी स्थिति के लिए आई. बी. ऐके प्रोविशंस को ज़िम्मेदार मना जाना चाहिए, कर्मचारियों का इससे कोई लेना देना है है और ना ही किसी भी कर्मचारी ने अपनी तरफ से अपने काम मे कम मेहनत कि है इसीलिए उनकी मेहनत के लिए ही उनका यह पूरा हक़ बनता है कि वे अपनी तनख्वा मे सही प्रतिशत इजाफा पाए |
इस स्ट्राइक से ऐ. टी. एम. मे पैसो कि तंगी देखि जा सकती है और ऑनलाइन ट्रांसक्शन मे भी मुश्किलें आ सकती है |