बाढ़ पीड़ित बिहार प्रदेश में हालत सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहाँ पर दिनोंदिन हालत और बुरे होते जा रहे हैं।
राज्य के बाढ़ पीड़ित 12 जिलों में 761 किमी की लंबाई में 182 बड़ी सड़कें पानी में डूबी हैं| इससे यातायात प्रभावित हुआ है| ये सड़कें पथ निर्माण विभाग की हैं और सबसे अधिक डूबने वाली सड़कों की संख्या सीतामढ़ी, मोतिहारी, मधुबनी और दरभंगा जिले में हैं| बाढ़ का पानी खत्म होने के बाद सात दिनों में सड़कों और पुलों की मरम्मत करवाकर उनपर यातायात शुरू करवाया जा सकेगा| पथ निर्माण विभाग ने बाढ़ से सड़कों और यातायात की जानकारी के लिए बाढ़ नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था की है| यहां प्रतिदिन शाम को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सड़कों और उन पर यातायात के जानकारी की रिपोर्ट आती है| इसी आधार पर ही विभाग कार्रवाई करता है|
बाढ़ और बारिश से राज्य में 20 जिलों में ग्रामीण सड़कों को काफी नुकसान पहुंचा है। बड़ी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है. अभी भी सैकड़ों सड़कें बाढ़ के पानी में डूबी हुई है| एक मोटे के अनुसार करीब 500 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है| हालांकि अभी अंतिम आकलन नहीं हुआ है| ग्रामीण कार्य विभाग के अबतक के आकलन के अनुसार 20 जिलों की 1529 सड़कें अब तक क्षतिग्रस्त हुई हैं.बाढ़ से सबसे अधिक पूर्वी चंपारण ,अररिया , मधुबनी, कटिहार, अररिया, किशनगंज दरभंगा आदि जिले में ग्रामीण सड़कों को नुकसान हुआ है| बारिश से भी सड़कों को नुकसान पहुंचा है|