पटना [राज्य ब्यूरो]। अब जांच के नाम पर बालू लदे वाहनों को रोका नहीं जाएगा और न हीं बालूघाटों पर लदान के लिए ट्रकों व ट्रैक्टरों को लंबा इंतजार करना होगा। खान एवं भूतत्व विभाग ने अपने सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों के साथ सभी जिलों के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को भी इस आशय का निर्देश जारी कर दिया है।
दरअसल, राज्य में बालू की आसमान छू रही कीमतों को नियंत्रित करने की कवायद शुरू कर दी गई है। समीक्षा में पाया गया कि कीमतों के बढऩे का मुख्य कारण बालू की ढुलाई में आ रही समस्याएं हैं। खासकर उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में बालू की खेप ससमय नहीं पहुंचने तथा रास्ते में जांच के नाम पर वाहनों को अनावश्यक रूप से रोके जाने के कारण भी कीमत बढ़ रही है। बालू लदे वाहनों को जांच के नाम पर रोके जाने पर ये अपने गंतव्य तक तीन से चार दिनों की देरी से पहुंचते हैं। इससे बालू की ढुलाई का खर्च बढ़ जाता है।
बता दें कि शुक्रवार को बालू की ढुलाई में आ रही परेशानियों को लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने उत्तर बिहार के सभी प्रमंडलीय आयुक्तों, जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग की थी। इस वीडियो कान्फ्रेंसिंग के बाद मुख्य सचिव ने पटना के जेपी सेतु से रात दस बजे तक सुबह चार बजे तक बालू लदे ट्रकों व ट्रैक्टरों को उत्तर बिहार की तरफ जाने की इजाजत दी है। साथ ही बालू गिराकर लौटने वाले खाली ट्रकों व ट्रैक्टरों को महात्मा गांधी सेतु से वापस लौटने की व्यवस्था की गई है।