पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद ने उसे अगले साल की माध्यमिक परीक्षा में बाहरी परीक्षार्थी के तौर पर बैठने की अनुमति दे दी है । 12 साल की एक बच्ची, जो कभी स्कूल नहीं गई, अगले साल 10वीं की परीक्षा देगी। पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा परिषद (डब्ल्यूबीबीएसइ) ने उसे अगले साल की माध्यमिक परीक्षा में ‘बाहरी परीक्षार्थी’ के तौर पर बैठने की अनुमति दे दी है। बच्ची का नाम सैफा खातून है। वह हावड़ा की रहने वाली है।
डब्ल्यूबीबीएसइ के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने बताया कि सैफा ने इस साल अगस्त में बाहरी परीथार्थी के तौर पर बैठने के लिए हुई योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। सैफा ने गत 11 अक्टूबर को घोषित हुए नतीजे में कुल 52 फीसद अंक प्राप्त किए हैं। उसके पिता मोहम्मद ऐनुल ने माध्यमिक परीक्षा में उसे बैठने देने के लिए आवेदन किया था।
गांगुली ने आगे कहा कि माध्यमिक परीक्षा के पिछले दो दशकों के इतिहास में यह अभूतपूर्व है। इससे पहले 90 के दशक में ऐसा मामला देखा गया था। गौरतलब है कि माध्यमिक परीक्षा में बैठने की न्यूनतम आयु सीमा 14 वर्ष है।