प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर तीस नदियों का जल से अभिषेक किया । इस दौरान 30 ब्रहाम्णों ने मंत्रोच्चार किया । प्रधानमंत्री ने पूरे विधि विधान ने सरकार पटेल की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर पूजा अर्चना की । इसके बाद प्रधानमंत्री हाथ हिलाकर आस पास खड़े लोगों का अभिवादन भी किया और भारतीय ध्वज तिरंगे के रंग गुब्बारे भी उड़ाए गए ।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”31 अक्टूबर 2010 को मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था । उस वक्त मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस महापुरुष ने देश को एक करने का काम किया है उसका ऐसा सम्मान जरूर होना चाहिए, जिसके वो हकदार हैं । इस प्रतिमा से हजारों आदिवासियों को रोजगार भी मिलने वाला है । सरदार साहब के दर्शन करने वाले पर्यटक सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा के दर्शन भी कर पाएंगे । गुजरात सरकार आसपास के क्षेत्रों को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर रहे हैं । मेरा मानना है कि यहां एक ऐसी एकता नर्सरी बने जहां से पर्यटक एकता पौधा ले जाएं और एकता के वृक्ष के साथ जीवन बिताएं । ”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर पटेल ना होते तो ” गिर के शेर व चारमीनार देखने के लिए भी लेना पड़ता वीजा ।