Friday, June 9, 2023
Home राज्य दिल्ली प्रदूषण के खिलाफ आज से एलान-ए-जंग, दिल्ली-एनसीआर में लागू हुआ GRAP

प्रदूषण के खिलाफ आज से एलान-ए-जंग, दिल्ली-एनसीआर में लागू हुआ GRAP



एक से पांच नवंबर तक केंद्र और दिल्ली सरकार की 52 टीमें संयुक्त रूप में दिल्ली और एनसीआर की सड़कों पर उतरेंगी और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगी।

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है और जिस आबोहवा के बिगड़ने का डर था, आखिरकार उसने दस्तक दे ही दी। इस बाबत दिल्ली-एनसीआर में पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) की ओर से एक नवंबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया गया है।

इसके तहत एक से 10 नवंबर के बीच दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली तमाम गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। इसमें निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध रहेगा और नियमों का उल्लंघन करने पर भारी-भरकम जुर्माना लगाने के साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

दरअसल, मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि दिवाली पर प्रदूषण के स्तर में काफी इजाफा हो सकता है। ऐसे में पिछले दो सालों की तरह इस बार भी दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील न हो, इसके लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कई कड़े कदम उठाने का फैसला लिया है।

बता दें कि पिछले दिनों एक बैठक के ही दौरान एक से दस नवंबर के बीच चार प्रमुख कदम उठाने की सिफारिशें की गई थीं। इन सिफारिशों को लागू करने के लिए ईपीसीए को भेज दिया गया था। अब एक से 10 नवंबर तक इस पर अमल होगा।

दिल्ली में स्मॉग की स्थिति उत्पन्न होते देख पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। सख्ती का परिचय देते हुए ईपीसीए ने एक से 10 नवंबर तक नरेला औद्योगिक क्षेत्र को बंद रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। दरअसल, नरेला में जूते चप्पल बनाने की फैक्ट्रियां बड़ी संख्या में हैं। इनके सोल में लगने वाले रबर व प्लास्टिक में यहां लगातार आग लगाई जा रही है। इसीलिए ईपीसीए ने यह कदम उठाया है।

पीसीए के अध्यक्ष डॉ. भूरे लाल ने कहा कि नया औद्योगिक कचरा उत्पन्न न हो, इसीलिए यह कदम उठाया गया है। इन दस दिनों में उत्तरी दिल्ली नगर निगम यहा के सभी ढलाव और सड़कों के किनारे पड़े कूड़े को पूरी तरह साफ करेगी। इसके बाद एरिया की नियमित सफाई होती रहेगी। इस समय अकेले नरेला में ही रोज तकरीबन 350 टन औद्योगिक कचरा सड़कों के किनारे डाला जा रहा है। डलाव घर यहा पूरी तरह से भर चुके हैं। पिछले तीन महीने से यही हाल है। इसी कारण कूड़े में आग लग रही है। इसके अतिरिक्त तीन नवंबर से हवा की गति में कमी आने के पूर्वानुमान के मद्देनजर एक से 10 नवंबर तक दिल्ली एनसीआर के सभी ईंट-भट्ठों को भी बंद रखने के नए आदेश जारी किए गए हैं।

दिल्ली-एनसीआर में सभी तरह की निर्माण संबंधी गतिविधियों पर ईपीसीए पहले ही रोक लगा चुका है। हालांकि इसमें घर दफ्तर की आंतरिक मरम्मत और बिना निर्माण सामग्री के होने वाले काम शामिल नहीं हैं। इस दौरान दिल्ली-एनसीआर के सभी हॉट मिक्स प्लाट और स्टोन क्रेशर भी बंद रहेंगे। इसके अलावा कोयले और बायोमास से चलने वाली फैक्ट्रियां भी बंद रहेंगी। इसमें एनसीआर के थर्मल पावर प्लाट और वेस्ट टू एनर्जी प्लाट शामिल नहीं हैं। बदरपुर प्लाट भी 15 अक्टूबर से बंद है।

भूरे लाल ने फिर दोहराया है कि ईपीसीए सीपीसीबी की टास्क फोर्स से मिलकर निजी वाहनों के इस्तेमाल को कुछ समय के लिए बंद करने या कम करने के साथ-साथ दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगाने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने लोगों से अपील भी की है कि वो साथ दें और निजी वाहनों का इस्तेमाल कुछ समय के लिए बंद कर दें। डीजल गाड़ियों का इस्तेमाल तो बिल्कुल न करें ताकि हालत और अधिक खराब न हों।

बता दें कि दिल्ली और एनसीआर के शहरों में प्रदूषण के बने इस हालात के लिए कौन जिम्मेदार है, फिलहाल केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के पास इसका कोई जवाब नहीं है। बावजूद इसके मंत्रालय ने दिल्ली और एनसीआर को इससे बचाने के लिए ‘क्लीन एयर’ नाम से एक नए अभियान का एलान जरूर कर दिया है। इसे केंद्र और दिल्ली सरकार मिलकर चलाएंगे। एक से पांच नवंबर तक केंद्र और दिल्ली सरकार की 52 टीमें संयुक्त रूप में दिल्ली और एनसीआर की सड़कों पर उतरेंगी और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी करेंगी। इस टीम में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल रहेंगे।

वहीं, दिल्ली की जहरीली होती हवा से चिंतित नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों से कहा है कि पराली जलाने से रोकने में किसानों की मदद करें और आवश्यक मशीन उपलब्ध कराएं। एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकारों को टिब्यूनल के दिशा निर्देशों को सख्ती लागू करने का निर्देश दिया है। कहा कि वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण पराली जलाना है और उद्योगों को अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी (सीएसआर) के तहत किसानों की मदद करनी चाहिए। एक अखबार में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी।

 






LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

5 कारें जो बन सकती हैं आपकी पहली पसंद: माइलेज, मेंटेनेंस से सेफ्टी रेटिंग तक, आपके बजट पर खरी उतरेंगी ये कारें; अभी ट्राइबर...

5 कारें जो बन सकती हैं आपकी पहली पसंद: माइलेज, मेंटेनेंस से सेफ्टी रेटिंग तक, आपके बजट पर खरी उतरेंगी ये कारें;...

महंगाई का मार: इस महीने अब तक 7वीं बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, दिल्ली में पेट्रोल 103.54 और डीजल 92.12 रुपए पर पहुंचा

महंगाई का मार: इस महीने अब तक 7वीं बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम, दिल्ली में पेट्रोल 103.54 और डीजल 92.12 रुपए पर...

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी LIVE: रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 4% पर और रिवर्स रेपो रेट 3.35%...

RBI की मॉनेटरी पॉलिसी LIVE: रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में नहीं किया कोई बदलाव, रेपो रेट 4% पर और रिवर्स रेपो...

लालू की पाठशाला: पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा- आंदोलन करो-जेल भरो, मुकदमा से मत डरो

लालू की पाठशाला: पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा- आंदोलन करो-जेल भरो, मुकदमा से मत डरो   सार लालू प्रसाद मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के...

Recent Comments