लोकसभा की चार और विधानसभा की 10 सीटों पर हुए उपचुनाव में जहां एकजुट विपक्ष ने ताकत दिखाई और 14 में से 11 सीटें जीत भाजपा को झटका दिया. वहीं, पालघर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार ली. वह ऐसे कि अधिकतर सीटों पर विपक्ष आपसी कटुता भुलाकर जहां साथ लड़ा, वहीं पालघर में ऐसा नहीं हुआ. कांग्रेस के बागी नेता ने ही कांग्रेस की लुटिया डुबो दी।
पालघर में बीजेपी के राजेंद्र गावित ने शिवसेना के श्रीनिवास पर 29,572 वोटों से जीत हासिल की. गावित को 2,72,780 वोट मिले, जबकि शिवसेना के श्रीनिवास वनगा को 2,43,210 वोट मिले।
सबसे हैरान करने वाला आंकड़ा बहुजन विकास आघाडी के बलिराम जाधव का रहा उन्हें 2,22, 838 वोट मिले, जबकि चौथे स्थान पर कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी को 71 हजार 887 वोट मिले. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दामोदर सिंगड़ा की जमानत जब्त हो गई. उन्हें 47,714 वोट मिले।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस तरह भंडारा-गोंदिया सीट पर बीजेपी प्रत्याशी हेमंत पटले को हराने के लिए कांग्रेस और शिवसेना ने एनसीपी प्रत्याशी मधुकर कुकड़े को समर्थन दिया, उसी तरह पालघर सीट पर भी कांग्रेस को बाकी पार्टियों से समर्थन लेकर चुनाव लड़ना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
इसके अलावा कांग्रेस ने पहले अपने ही नेता राजेंद्र गावित को टिकट नहीं दिया और जब उन्हें बीजेपी से टिकट मिला तो पार्टी नेता गावित के खिलाफ ही प्रचार करने लगे. कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल तो तब हुई जब राष्ट्रवादी कांग्रेस ने बहुजन विकास आघाडी को समर्थन देने का प्रस्ताव नकार दिया।
इस गलती का असर कांग्रेस और बहुजन विकास आघाडी के वोट बैंक पर साफ़ दिखा. बहुजन विकास आघाडी के बलिराम जाधव को 2,22, 838 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी को 47,714 वोट मिले. यदि कांग्रेस, बहुजन विकास आघाडी को समथन देती तो बीजेपी को आसानी से हराया जा सकता था।
हालांकि, इस चुनाव में शिवसेना ने बीजेपी की राह में कांटे बिछाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी थी. बीजेपी ने इस सीट से जब चिंतामन वनगा के बेटे श्रीनिवास के स्थान पर कांग्रेस के राजेंद्र गावित को टिकट दिया तो शिवसेना ने बड़ा दांव चला. उसने वनगा के बेटे को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया।
बता दें कि वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव इन दोनों पार्टियों ने मिलकर लड़ा था. बीजेपी 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर जीती थी और उसके सांसद चिंतामण वनगा के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुए थे।