दक्षिणी दिल्ली की सात कालोनियों की पुनर्विकास योजना में पेड़ काटे जाने के मामले में चल रहे विवाद के बीच केन्द्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि अब तक सिर्फ दो कालोनियों में पेड़ काटने की अनुमित मिली है और यह अनुमति दिल्ली सरकार के वन विभाग ने ही दी है।
इस परियोजना को अंजाम दे रहे राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) के प्रबंध निदेशक एके मित्तल ने आज बताया ”अभी तक नौरोजी नगर में 1400 और नेताजी नगर कालोनी में लगभग 2200 पेड़ काटने की अनुमति दिल्ली सरकार के वन विभाग ने दी है। दोनों कालोनियों में पेड़ काटने से पहले इतने ही पेड़ लगा भी दिये गये हैं। मित्तल ने कहा कि शेष पांच कालोनियों में पेड़ काटने के लिये वन विभाग से अनुमति लेने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने इस मामले में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय से पेड़ काटने की अनुमति दिये जाने को गलत बताते हुये कहा कि नियमानुसार राज्य सरकार ही यह अनुमति देती है। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना के तहत 500 एकड़ जमीन पर सात कालोनियों का पुनर्विकास किया जा रहा है। इनमें से तीन कालोनियों का पुनर्विकास एनबीसीसी और चार कालोनियों का पुनर्विकास केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग कर रहा है।
मित्तल ने कहा कि इनमें से न्यू मोती बाग कालोनी का पुनर्विकास कार्य पूरा हो गया है और इसकी तर्ज पर विकसित होने वाली दूसरी कालोनी किदवई नगर होगी। इससे पहले शहरी आवास सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने आंकड़ों के हवाले से बताया कि पुनर्विकसित की जा रही सातों कालोनियों में अभी 12 हजार घर थे, इन्हें तोड़कर 25 हजार घर बनाये जाने हैं और इन कालोनियों में अभी 21040 पेड़ हैं, योजना के मुताबिक इनमें से 14031 पेड़ काटे जायेंगे।