कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए दिल्ली की सरकार प्रयासरत है. अब दिल्ली में कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड के खतरे को देखते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल की अगुवाई में मंगलवार को डीडीएमए की बैठक हुई है.
डीडीएमए की इस बैठक में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ मंत्री सतेंद्र जैन ने भी शिरकत की है. दिल्ली के उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि अगर इसी तरह के हालात रहे तो और इसी तरह से केस बढ़ते रहे तो 31 जुलाई तक दिल्ली में साढ़े पांच लाख से अधिक कोरोना वायरस के केस हो जाएंगे.
इस बैठक के बाद दिल्ली के उपमुख्मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि मैंने दिल्ली के अस्पतालों को सभी मरीजों के लिए खोलने का मामला उठाया और एलजी साहब से पूछा कि आखिरी सरकार के फैसले को क्यों पलटा गया. इस पर राज्यपाल साहब कोई जवाब नहीं दे पाएं.
मनीष सिसोदिया आगे कहते है कि एलजी के फैसले से दिल्लीवालों के सामने संकट खड़ा हो गया है. जिस गति से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसको देखकर तो यही लगता है कि इस माह के अंत तक दिल्ली को 15 हजार बेड कि जरूरत होने वाली है और अगले महीने यानी जुलाई के अंत तक 80 हज़ार बेड कि जरूरत होगी. और 31 जुलाई तक 5 लाख से अधिक केस हो सकते है.
इस मामले को लेकर डिजास्टर मैनेजमेंट की बैठक के बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आज दोपहर 3 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इस बैठक का मकसद कोरोना वायरस के मौजूदा हालात और इसे रोकने के उपायों पर चर्चा करना है. इस बैठक में आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस पार्टी के नेता शामिल हो सकते है.