तुर्की के राष्ट्रपति चुनावों में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने जीत हासिल कर ली है. मतगणना को लेकर विपक्ष शिकायत कर रहा है लेकिन इसके साथ ही सत्ता पर एर्दोआन की पकड़ मजबूत हो गई है. गौरतलब है कि 15 वर्ष से वे ही सत्ता पर काबिज हैं. तुर्की के मतदाताओं ने पहली बार राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव में मतदान किया है. एर्दोआन अपनी सत्तारूढ़ जस्टिस ऐंड डेवलपमेंट पार्टी के लिए पूर्ण बहुमत की उम्मीए लगाए बैठे थे.अप्रैल 2017 में हुए जनमत संग्रह में नए संविधान पर सहमति बनी थी. इसके तहत एर्दोआन ऐसे पहले राष्ट्रपति होंगे जो बिना किसी प्रधानमंत्री के अत्यधिक अधिकार रखेंगे. इसका एर्दोआन ने मजबूती से समर्थन किया था लेकिन विरोधियों का कहना है कि इससे राष्ट्रपति को निरंकुश शक्तियां मिलेंगी.