जाले:शुक्रवार के दिन जाले में केंद्र सरकर के नागरिकता संसोधन कानून के खिलाफ जमीयत उलेमा हिन्द के जाले प्रखंड सदर के नेतृत्व में विभिन्न दलों का संयुक्त विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में विभिन्न दलों के कैडर समेत स्थानीय युवा शामिल हुए। केंद्र सरकार के इस कानून के खिलाफ धीमी बारिश होने के बावजूद लोगों का आक्रोश चरम पर था। विरोध प्रदर्शन में जाले के जिला परिषद सदस्य नरेश चौधरी, जमीयत उलेमा हिन्द मौलाना सगीर अहमद क़ासमी, मिल्ली कौंसिल के मौलाना अरशद फ़ैज़ी क़ासमी, मुफ़्ती आमिर मज़हरी, निशात अहमद, माले के ललन पासवान, भीम आर्मी के विनीत पासवान, विकास पासवान , सुनील पासवान, माले के उदय यादव, देवेंद्र जी , राजद नेता ग़ुलाम मुजककीर खान,
युवा राष्ट्रीय जनता दल रियाज़
NSUI प्रदेश सचिव सैयद एजाज
सुल्तान, युवा कांग्रेस के जाले विधानसभा महासचिव अख्तर , कांग्रेस के आमिर इक़बाल, मिर्जा नेसार बेग समेत सैकडों लोगों हिस्सा लिया।
हम के नेता नरेश चौधरी के कहा कि भाजपा सरकार संविधान के साथ अनैतिक छेड़छाड़ कर रही है जिसे देश की आम अवाम पसंद नही करेगी।
माले के नेताओं ने कहा कि भारत की नागरिकता की मूल शर्तों को ही बदल देने वाला यह विधेयक आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे ज़्यादा निरंकुश और भेदभावकारी क़ानूनों में से एक है। यह विधेयक भारत के सम्विधान की आत्मा और उसके मूल ढाँचे का और भारतीय गणतंत्र के चरित्र का उल्लंघन करता है। यह सम्विधान की प्रस्तावना से ‘सेक्युलर’ शब्द को बाहर कर देने की चाल है। जमीयत उलेमा हिन्द के जाले सदर सगीर साहब ने कहा कि सीएबी 2019 भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के बड़े तबके, मुस्लिम समुदाय को बहिष्कृत करता है और उसे हाशिए पर धकेल देता है। इसलिए भारत को तबाही फैलाने वाले नागरिकता संशोधन विधेयक व नागरिकता रजिस्टर को निरस्त करना ही होगा।

