पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती, इसकी बानगी शनिवार को बीडी पब्लिक स्कूल के परीक्षा केंद्र पर दिखी। 79 साल के सत्यनारायण यादव अपने पोते की उम्र के विद्यार्थियों के साथ पटना लॉ कॉलेज में दाखिले के लिए एलएलबी कोर्स की प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा खत्म होते ही अभ्यर्थी और वीक्षक उनसे ऑटोग्राफ लेने में मशगूल रहे। पटना विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्य प्रो. एनके झा उन्हें गेट तक छोडऩे आए।
पूर्णिया जिले के कृत्यानंद नगर में 11 फरवरी 1939 को सत्यनारायण जी का जन्म हुआ। तत्कालीन पूर्णिया जिले के काढ़ा गोला हाईस्कूल से 1955 में मैट्रिक और दो साल बाद डीएस कॉलेज, कटिहार से इंटर की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। 1960 में रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर की नौकरी मिल जाने के बाद आगे की पढ़ाई छोड़ दी। पटना में पोस्टिंग होने के बाद 1994 में पटना विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा केंद्र से दर्शनशास्त्र में द्वितीय श्रेणी से स्नातक किया।
1997 में झाझा से स्टेशन मास्टर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद दो दशक में सत्यनारायण जी एक दर्जन से अधिक किताबें लिख चुके हैं। इनमें ‘विचार की अनोखी शक्ति जो चाहें पाएं’, ‘स्वकल्प धारण’ तथा ‘अदना से अरबपति’ प्रमुख हैं।
पटना लॉ कॉलेज में एलएलबी कोर्स में नामांकन के लिए पिछले साल भी सत्यनारायण जी ने प्रवेश परीक्षा दी थी। अच्छे अंक प्राप्त नहीं होने के कारण दाखिले से वंचित रहे। पिछले साल की तुलना में इस बार पेपर थोड़ा बेहतर गया है। उन्हें उम्मीद है कि नामांकन के लिए पर्याप्त नंबर मिल जाएंगे।