🚩🚩 खगड़िया के विभिन्न क्षेत्रों से आएं सैकड़ों सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस सम्मेलन भाग लिया। सभा का संचालन करते हुए नवीन कुमार ने कहा समाजिक न्याय के नाम पर बिहार में अतिपिछड़ों, दलितों, पिछड़ों के साथ धोखा हुआ है संख्यानुपात में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी नही होगा तबतक समाजिक न्याय अधूरा है। सम्मेलन में भगलपुर से आए डॉ मुकेश ने कहा मंडल कमीशन की सिफारिशों को पूर्ण रूप से लागू नहीं किया गया और जोलोग उसवक्त मण्डल कमिशन का विरोध कर रहे थे वही लोग संविधान जला रहे हैं। तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण लागू है लेकिन बिहार में 49 प्रतिशत ही आरक्षण क्यों है। सभा में आएं गौतम प्रीतम ने बताया कि आरक्षण प्रतिनिधित्व का सवाल है ताकि समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सत्ता में हो लेकिन आज भी न्यायपालिका, कार्यपालिका में पिछड़ों, अतिपिछड़ों, दलितों की भगीदारी न के बराबर है। सेमिनार में पटना से आये ललन मलाकर ने कहा अतिपिछड़ों के लिए सभी राजनीतिक पार्टी वोट के लिए ऊपरी प्रेम का दिखावा कर रही है अगर इनसे प्रेम है तो 33 प्रतिशत आरक्षण विधानसभा और लोकसभा लागू करे, अतिपिछड़ों के लिए उत्पीड़न निवारण कानून बनाए। सम्मेलन में बात रखते हुए अधिवक्ता शिवशंकर ठाकुर ने पटना में आयोजित होनेवाले समाजिक न्याय सम्मेलन के लिए सभी की आमंत्रित किया। सभा मे पटना के प्रोफेसर विजय कुमार ने बताया बिहार में नई विकल्प की जरूरत है समाजिक न्याय से सवलों को फिर से मजबूती से उठने की जरूरत है। सेमिनार में बात रखते हुए मो आक़िब ने कहा शिक्षा और चिकित्सा के मुद्दों को प्रमुखता से उठने की जरूरत है। सभा में गणेश तांती, शम्भू पासवान, नकुल पंडित, उमेश शर्मा, हिमांशु निषाद सौरभ कुमार, इत्यादि वक्ताओं ने अपनी राय रखी। सम्मेलन की अध्यक्षता चंदेश्वर नागर ने किया।