कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जो मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती हो रहे है उनके बिलों में आधी रकम तो एन 95 मास्क और पीपीई किट्स का खर्च के ही है. सिर्फ इन्हीं के लिए लाखों रुपए का भुगतान मरीजों को करना पड़ रहा है. ऐसा विश्वास करना बहुत ही मुश्किल है कि देश के प्राइवेट अस्पतालों में ऐसा हो रहा है.
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कई केस का पता लगा है जिसमें बिलों में 50 फीसदी तक हिस्सा सिर्फ पीपीई किट्स, मास्क और ग्लव्स के खर्च का शामिल है. अगर सामान्य दिनों की बात करें तो ये खर्च सिर्फ 10 फीसदी तक ही होता था. इसका अब पांच गुना तक बढ़ जाना देशभर के लोगो और कोरोना संक्रमित मरीजों को परेशन कर रहा है.
एक मुंबई के परिवार ये देख कर चौंक गया जब उसके बिल का 50 फीसदी खर्च पीपीई किट्स और एन 95 मास्क का आया. एक प्राइवेट अस्पताल ने उन्हें को बिल सौंपा, वह 2.8 लाख रुपए का था. इसमें पीपीई, मास्क का खर्च 1.4 लाख रुपए दिखाया गया था.
एक शख्स ने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए मुझे भर्ती कराया गया था, जब मुझे बिल मिला तो इसका 50 फीसदी हिस्सा पीपीई किट, मास्क, फेसशील्ड के लिए था.
इससे भी बुरी इस शख्स के लिए ये रही कि बीमा कंपनी ने इस खर्च का भुगतान करने से इंकार कर दिया. इसका मतलब ये हुआ कि इन शख्स को बिल का सिर्फ 50 फीसदी ही रकम मिली है.