केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम आदमी पार्टी नेता और कवि कुमार विश्वास से मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है. इसके साथ ही कई महीनों से लंबित इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम आदमी पार्टी नेता और कवि कुमार विश्वास से मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है. इसके साथ ही कई महीनों से लंबित इस विवाद का पटाक्षेप हो गया है. कुमार विश्वास ने अरुण जेटली को एक खत लिखकर पूरे मामले में अपना पक्ष साफ किया, जिसके बाद केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह मुकदमा वापस ले लिया।
मोबाइल के जरिए अरुण जेटली के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि वो मानहानि का केस खत्म करना चाहते हैं, क्योंकि कुमार विश्वास ने अरुण जेटली को खत लिखकर माफी मांग ली है. अब इस मामले में दोनों की तरफ से कोर्ट में एक ज्वाइंट अप्लीकेशन लगाई जाएगी और कोर्ट इस मामले को पूरी तरह से खत्म कर देगा।
विश्वास ने जेटली को लिखे खत में कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के कहने पर ही पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं व प्रवक्ताओं ने उनकी बात दोहराई थी और अब अरविंद केजरीवाल उनके संपर्क में नहीं हैं और झूठ बोलकर खुद गायब हो गए हैं।
विश्वास ने कहा कि केजरीवाल आदतन झूठे हैं और पार्टी कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने सिर्फ अरविंद की बात दुहराई थी. कुमार विश्वास ने कोर्ट को बताया कि अरुण जेटली से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है और न ही उन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह आरोप जेटली पर लगाए थे, जो भी आरोप उनकी तरफ से लगाए गए थे, वह शेष नेताओं की बातों को दोहराते हुए ही थे।
मालूम हो कि मानहानि केस में अरविंद केजरीवाल समेत अन्य सभी अभियुक्तों द्वारा माफी मांग लिए जाने के बाद विश्वास इस मामले में अकेले रह गए थे।
इस पत्र में विश्वास ने स्पष्ट किया कि किस तरह अरविंद केजरीवाल ने उनको व पार्टी कार्यकर्ताओं और देश को धोखे में रखकर कुछ तथाकथित सबूतों के हवाला देते हुए जेटली पर आरोप लगाए थे. इस पर वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मानहानि मुकदमा वापस ले लिया।
पढ़िए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को लिखा गया कुमार विश्वास का पूरा खत……………
अरुण जेटली (वित्तमंत्री भारत सरकार)
आशा है आप सानंद होंगे! समाचार माध्यमों से ज्ञात हुआ कि आपका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं. मां सरस्वती से प्रार्थना है कि आप शीघ्र स्वस्थ होकर देश की वित्त व्यवथा को अपनी ऊर्जा प्रदान करें. यद्यपि आपके स्वास्थ्य लाभ के समय, आपसे राजनैतिक चर्चा करना उपयुक्त नहीं लगता, किन्तु अवसर की आवश्यकता को देखते हुए मैं आपको यह पत्र लिख रहा हूं, आशा है कि आप मेरे कथन को सहज भाव के साथ सुनेंगे।